उत्तराखंड विधानसभा में वित्तीय वर्ष 2024-25 के लिए 5013.05 करोड़ का अनुपूरक बजट पेश
देहरादून, 22 अगस्त (हि.स.)। धामी सरकार ने गुरुवार को ग्रीष्मकालीन राजधानी गैरसैंण स्थित भराड़ीसैंण विधानसभा में वित्तीय वर्ष 2024-25 के लिए 5013.05 करोड़ रुपये का अनुपूरक बजट पेश किया।
विधानसभा के मानसून सत्र के दूसरे दिन प्रदेश के वित्त मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल ने अनुपूरक बजट पेश किया। इसमें 3756.89 करोड़ रुपये राजस्व मद में, जबकि 1256.16 करोड़ रुपये पूंजीगत मद में रखे गए हैं। अनुपूरक बजट में केन्द्र पोषित योजनाओं के अन्तर्गत 1531.65 करोड़ और बाह्य सहायतित योजनाओं के अन्तर्गत 273.17 करोड़ का प्राविधान है। इस वर्ष का मुख्य बजट लगभग 89230 करोड़ का था।
वित्त मंत्री प्रेम चंद अग्रवाल ने गुरुवार शाम विधानसभा में 2024-25 के लिए अनुपूरक अनुदान मांगें प्रस्तुत कीं। उन्होंने कहा कि हमारी सरकार जनकल्याण को समर्पित सरकार है, इसलिए मुख्य बजट में हम अनेक महत्वपूर्ण योजनाएं लेकर आये थे। इस अनुपूरक बजट में भी जनकल्याण को समर्पित योजनाओं हेतु महत्वपूर्ण प्रावधान हैं। वित्त मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के मार्गदर्शन में हम इस दशक को उत्तराखण्ड का दशक बनाएंगें और यह अनुपूरक बजट हमारे इस उदेश्य में सहायक होगा।
आपदा प्रबन्ध विभाग के अन्तर्गत एसडीआरएफ के लिए 718.40 करोड़, एसडीएमएफ के अन्तर्गत 218.60 करोड़, जिलाधिकारियों के लिए आपदा से क्षतिग्रस्त परिसम्पत्तियों के पुर्ननिर्माण के लिए 20.00 करोड़ का अतिरिक्त प्राविधान है। वृहद निमार्ण मद के अन्तर्गत कुल 748.81 करोड़ का प्रावधान किया गया है। समग्र शिक्षा के तहत 697.90 करोड़ और एसडीएमएफ के अन्तर्गत 229.6 करोड़, सूचना विभाग के लिए 225 करोड़, शहरी विकास के अन्तर्गत नगरीय अवस्थापना के सुदृढ़ीकरण हेतु बाह्य सहायतित योजनाओं में 192.00 करोड़ मिला है। पेयजल विभाग में सिवरेज मैनेजमेंट कार्यों के लिए रिंग फेंसिंग करने के लिए 120 करोड़ और गैर-सरकारी महाविद्यालयों को सहायता अनुदान 100.03 करोड़ का प्रावधान किया गया है।
अटल आयुष्मान उत्तराखण्ड योजना (पेंशनर) के अन्तर्गत 100 करोड़, शहरी विकास के अन्तर्गत ईडब्ल्यूएस आवासों के लिए 96.76 करोड़ और वाइब्रेन्ट विलेज प्रोग्राम के अन्तर्गत लगभग 130 करोड़, अग्निशमन सेवाओं का विस्तार और आधुनिकीकरण के अन्तर्गत 71 करोड़ रुपये मिला है। वहीं, मातृत्व लाभ योजना (प्रधानमंत्री मातृ वन्दना योजना) मिशन शक्ति-सार्मथ्य के अन्तर्गत 70 करोड़, अटल आयुष्मान उत्तराखण्ड योजना के अन्तर्गत 50 करोड़, प्रदेश के मार्गों / पुलियों का अनुरक्षण कार्य के लिए 50 करोड़, पीएमजीएसवाई से बनी सड़कों का अनुरक्षण के अन्तर्गत 50 करोड़, नाबार्ड पोषित मार्गों/पुलियों का अनुरक्षण के लिए 50 करोड़ और टिहरी झील के विकास के लिए 50 करोड़ और स्थानीय निकायों तथा पंचायती राज अधिष्ठानों को समनुदेशन के लिए 46 करोड़ मिला है।
प्रधानमंत्री आयुष्मान भारत हेल्थ इन्फ्रास्ट्रक्चर मिशन के लिए 40.95 करोड़ और नाबार्ड पोषित लघु सिंचाई योजनाओं के लिए 40 करोड़, विभिन्न विभागों के अन्तर्गत पीएम जनमन योजना हेतु लगभग 44.11 करोड़, प्रधानमंत्री आवास योजना वन टाइम लोन के लिए 35.83 करोड़, एनईपी के अंतर्गत पीएम योजना के अन्तर्गत 76.22 करोड़, गौ सदन के निमार्ण के लिए 32 करोड़, राष्ट्रीय ग्राम स्वराज अभियान के अन्तर्गत 36.18 करोड़, स्टॉम्प एवं पंजिकरण विभाग के अन्तर्गत 27.58 करोड़ प्राविधान किया गया है।
राज्य सम्पत्ति विभाग द्वारा आवासीय/अनावासीय भवन निर्माण के अन्तर्गत 25 करोड़, पुलिस कर्मियों के लिए आवास के लिए 25 करोड़, नर्सिंग कालेजों की स्थापना (अनावासीय) के अन्तर्गत 25 करोड़,सहकारी, सार्वजनिक एवं सहकारी क्षेत्र की चीनी मिलो को पीपीपी के लिए वीजीएफ के अन्तर्गत 25 करोड़ मिला है।
सिंचाई विभाग में अन्य रख रखाव की मद के अन्तर्गत 25 करोड़, वनों की सुरक्षा एवं प्रबंधन के अन्तर्गत 25 करोड़ और मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना के लिए 20 करोड़, उत्तराखण्ड जलवायु अनुकूल बारानी कृषि परियोजना के लिए लगभग 20 करोड़, डेरी विकास परियोजना हेतु रिवाल्विंग फण्ड के लिए 15 करोड़ रुपये मिला है। राज्य का हाउस ऑफ हिमालयाज को एक सशक्त ब्रान्ड के रूप में स्थापित करने के लिए 10 करोड़ और पर्वतीय मार्गों में परिवहन निगम की ओर से बस संचालन के फलस्वरूप होने वाली हानि की प्रतिपूर्ति के लिए 15 करोड़ और परिवहन निगमों की बसों में निर्धारित श्रेणियों के यात्रियों के लिए निशुल्क यात्रा सुविधा के लिए 12 करोड़ का प्रावधान किया गया है।
प्रदेश के समस्त जनपदों में हवाई सम्पर्क सैचुरेशन के लिए उड़ान योजना के अंतर्गत 10 करोड़ औऱ साइलेज एवं डेयरी पशु पोषण योजना के लिए 10 करोड़, मुख्यमंत्री बाल एवं महिला बहुमुखी विकास निधि के अन्तर्गत 8 करोड़ और सेतु आयोग के लिए 7.80 करोड़, काशीपुर में शॉपिंग कॉम्प्लेक्स के निर्माण के लिए 5.75 करोड़ मिला है।
मुख्यमंत्री उड़न खटोला योजना के अन्तर्गत 5 करोड़, विद्या समीक्षा केन्द्र के लिए 5 करोड़, राजकीय वृद्ध आश्रम का भवन निर्माण 5 करोड़,
पीएमई बस सेवा स्कीम अन्तर्गत देहरादून एवं हरिद्वार में इलेक्ट्रीक बसों के संचालन के लिए लगभग 5 करोड़ और आईस स्केटिंग रिंग के संचालन के लिए एक बारगी (वन टाईम) अनुदान के रूप में 5 करोड़, मुख्यमंत्री महिला पोषण योजना के लिए 6 करोड़, मुख्यमंत्री आंचल अमृत योजना के लिए 2 करोड़, वर्ल्ड आयुर्वेदा कांग्रेस एवं एक्सपों के आयोजन के लिए 2 करोड़, प्रधानमंत्री मातृत्व योजना के लिए लगभग लगभग 1.44 करोड़ का प्रावधान किया गया है।
हिन्दुस्थान समाचार / राजेश कुमार / वीरेन्द्र सिंह
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