सरकार व आईटीबीपी के बीच एमओयू, सीमांत जनपदों के 11 हजार से अधिक पशुपालकों को मिलेगा सीधा लाभ 

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सरकार व आईटीबीपी के बीच एमओयू, सीमांत जनपदों के 11 हजार से अधिक पशुपालकों को मिलेगा सीधा लाभ 


-स्थानीय उत्पादों को बढ़ावा देने के लिए आईटीबीपी ब्रांड एंबेसडर की भूमिका में कार्य करेगा: मुख्यमंत्री

देहरादून, 30 अक्टूबर (हि.स.)। मुख्यमंत्री और पशुपालन मंत्री सौरभ बहुगुणा की उपस्थिति में बुधवार को मुख्यमंत्री आवास पर एक कार्यक्रम में उत्तराखंड सरकार और आईटीबीपी के मध्य एक समझौता किया गया। इस समझौते से प्रदेश की लगभग 80 से अधिक सहकारी समितियों के माध्यम से लगभग 11 हजार से अधिक पशुपालकों को सीधा लाभ मिलेगा।

वाइब्रेंट विलेज योजना के अन्तर्गत आईटीबीपी की उत्तराखण्ड में तैनात वाहिनी के लिए स्थानीय उत्पादों जिन्दा बकरी, भेड़, चिकन और मछली की आपूर्ति के लिए किए गए समझौता किया गया। ज्ञापन पर सचिव डॉ. बीवीआरसी पुरुषोत्तम और आईटीबीपी से आईजी संजय गुंज्याल ने हस्ताक्षर किये। इस माैके पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि इस समझौते से जहां स्थानीय स्तर पर लोगों की आजीविका बढ़ेगी और उन्हें लगेगा की किसी न किसी रूप में हम देश की सुरक्षा से जुड़े हैं। इससे स्थानीय लोगों का आईटीबीपी के साथ सम्पर्क भी बढ़ेगा। सीमांत क्षेत्रों में रहने वाले लोग देश के प्रहरी हैं। राज्य के स्थानीय उत्पादों को बढ़ावा देने के लिए आईटीबीपी ब्रांड एंबेसडर की भूमिका में कार्य करेगा।

आईटीबीपी को सब्जियां, दूध, पनीर, अंड की आपूर्ति की बनाए योजना

मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश देते हुए कहा कि यह सुनिश्चित किया जाए कि राज्य के स्थानीय उत्पादों की उपलब्धता पर्याप्त मात्रा में रहे। उन्होंने कहा कि आईटीबीपी को सब्जियां, दूध, पनीर, अण्डा की आपूर्ति की व्यवस्था भी राज्य से किये जाने की दिशा में योजना बनाई जाए।

पशुपालकों की आजीविका में होगी वृद्धि: सौरभ बहुगुणा

पशुपालन मंत्री सौरभ बहुगुणा ने कहा कि पशुपालकों और मत्स्य पालकों की आजीविका में वृद्धि के लिए यह महत्वपूर्ण निर्णय लिया गया है। इसके लिए उन्होंने केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह और मुख्यमंत्री धामी का आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि इससे पलायन को रोकने में भी मदद मिलेगी।

सात हजार महिलाएं शामिल हैं

इस समझौते से प्रदेश की लगभग 80 से अधिक सहकारी समितियों के माध्यम से लगभग 11 हजार से अधिक पशुपालकों को सीधा लाभ मिलेगा। जिसमें प्रमुख रूप से 07 हजार महिलाएं शामिल हैं। भेड़-बकरी पालकों में 10 हजार पशुपालक,कुरकुट की आपूर्ति से लगभग 800 से अधिक व मछली आपूर्ति के लिए 500 से अधिक मछली पालकों को इसका लाभ मिलेगा।

सालाना 200 करोड़ के कारोबार का अनुमान

उत्तराखंड में यह पहला मौका है जिसमें इतनी बड़ी संख्या में भेड़,बकरी,मछली और मुर्गीपालकों को विपणन के लिए बाजार उपलब्ध कराया जा रहा है। इससे सालाना 200 करोड़ के कारोबार का अनुमान है। इस अवसर पर सचिव शैलेश बगोली, दिलीप जावलकर और आईटीबीपी के अधिकारी उपस्थित थे।

हिन्दुस्थान समाचार / राजेश कुमार

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