डेएनयूएलएम योजना के उत्कृष्ट क्रियान्वयन पर उत्तराखंड को चौथी बार स्पार्क अवार्ड में मिला तीसरा स्थान

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डेएनयूएलएम योजना के उत्कृष्ट क्रियान्वयन पर उत्तराखंड को चौथी बार स्पार्क अवार्ड में मिला तीसरा स्थान


- आवास व शहरी विकास मंत्री ने मुख्यमंत्री धामी समेत प्रदेशवासियों को दी बधाई

देहरादून, 20 जुलाई (हि.स.)। उत्तराखंड को पूर्वोत्तर एवं हिमालय राज्यों की श्रेणी में दीनदयाल अंत्योदय योजना-राष्ट्रीय शहरी आजीविका मिशन (डेएनयूएलएम) योजना के उत्कृष्ट क्रियान्वयन पर स्पार्क अवार्ड में तृतीय स्थान मिला है। आवास व शहरी विकास मंत्री डॉ. प्रेमचंद अग्रवाल ने बताया कि उत्तराखंड ने लगातार चौथी बार डेएनयूएलएम योजना के स्पार्क रैंकिंग में अपना स्थान बरकरार रखा है। उन्होंने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी सहित अधिकारियों व कर्मचारियों को इसका श्रेय देते हुए स्वयं सहायता समूह की महिलाओं और प्रदेश की जनता को बधाई दी है।

आवास व शहरी विकास मंत्री डॉ. प्रेमचंद अग्रवाल ने बताया कि उत्कृष्टता की ओर बढ़ते कदम डेएनयूएलएम योजना में शहरी क्षेत्र में निवासरत गरीब परिवारों एवं महिलाओं का सामाजिक व आर्थिक क्षमता विकास करते हुए प्रशिक्षण एवं वित्तीय सहायता के माध्यम से रोजगार एवं स्वरोजगार के अवसर प्रदान करना, शहरी निराश्रितों को सुसज्जित एवं आवश्यक सेवाओं से युक्त आश्रय उपलब्ध कराना, शहरी पथ विक्रेताओं की आजीविका के लिए उपयुक्त स्थान, संस्थागत ऋण, सामाजिक सुरक्षा और कौशल उपलब्ध कराना है। उत्तराखंड ने इन सभी में अपना बेहतर प्रदर्शन किया है।

डॉ. अग्रवाल ने बताया कि राज्य में इस योजना में आतिथि तक कुल 4289 महिला स्वयं सहायता समूहों का गठन करते हुए 36380 महिलाओं का सामाजिक एवं आर्थिक क्षमता में विकास किया गया। 9156 शहरी गरीब लाभार्थियों को स्वरोजगार शुरू करने के लिए सात प्रतिशत ब्याज दर पर 129.88 करोड़ का ऋण बैंकों के माध्यम से उपलब्ध कराया गया है। 5516 शहरी गरीब महिलाओं को एसएचजी बैंक लिकेज के माध्यम से स्वरोजगार के लिए 11.55 करोड़ का ऋण उपलब्ध कराया गया है।

आवास व शहरी विकास मंत्री ने बताया कि कि राज्य में शहरी क्षेत्र के फेरी व्यवसायियों का समस्त निकायों में सर्वेक्षण पूर्ण कर कुल 21883 फेरी व्यवसायियों को पहचान पत्र उपलब्ध कराया गया। प्रधानमंत्री स्ट्रीट वेंडर्स आत्मनिर्भर निधि योजना के अंतर्गत 36693 फेरी व्यवसायियों को कोविड काल में रोजगार में सहायता प्रदान करने के लिए नौ प्रतिशत ब्याज सब्सिडी पर 52.92 करोड़ का ऋण बैंकों के माध्यम से उपलब्ध कराया गया।

उन्होंने बताया कि राज्य में 17000 हजार फेरी व्यवसायियों को कोविड काल में राज्य सरकार ने 10 हजार रुपये प्रति फेरी व्यवसायी को कुल 17 करोड़ रुपये उपलब्ध कराई। समस्त निकायों में तृतीय पक्ष से खुले में निवासरत बेघरों का सर्वेक्षण करा 14 शहरी आश्रयों का निर्माण के लिए 7.88 करोड़ रुपये व्यय किया गया। मंत्री ने बताया कि राज्य में 20939 शहरी गरीब लाभार्थियों के कौशल विकास के लिए निःशुल्क प्रशिक्षण प्रदान किया गया। 7883 लाभार्थियों को रोजगार-स्वरोजगार से जोड़ा गया है। इन सभी परफॉर्मेंस के आधार पर आवास एवं शहरी विकास मंत्रालय भारत सरकार से उत्तराखंड राज्य को स्पार्क अवार्ड में तृतीय स्थान प्राप्त हुआ है।

हिन्दुस्थान समाचार / कमलेश्वर शरण / वीरेन्द्र सिंह

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