उत्तराखंड भाजपा अध्यक्ष ने कांग्रेस को बताया सनातन विरोधी, कहा- राजनैतिक लाभ के लिए यात्रा व्यवस्था का कर रही विरोध

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उत्तराखंड भाजपा अध्यक्ष ने कांग्रेस को बताया सनातन विरोधी, कहा- राजनैतिक लाभ के लिए यात्रा व्यवस्था का कर रही विरोध


- यात्रा को लेकर प्रशासन की गाइडलाइन श्रद्धालुओं की भावनाओं एवं सुरक्षा के लिए जरूरी: भट्ट

देहरादून, 20 जुलाई (हि.स.)। भाजपा ने कांवड़ यात्रा को लेकर प्रशासन की गाइडलाइन को श्रद्धालुओं की भावनाओं एवं सुरक्षा के लिए जरूरी बताया है। प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट ने कांग्रेस पर पलटवार किया और कहा कि कांग्रेस सनातन विरोधी है। अपने राजनैतिक लाभ के लिए पदयात्रा निकालती है और यात्रा व्यवस्थाओं का विरोध करते हैं। साथ ही तंज किया कि कांग्रेस दोगली राजनीति करती है, तभी पहचान छिपाने की मंशा का हमेशा समर्थन करती है।

उन्होंने कहा कि किसी भी यात्रा, आयोजन और कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए पुलिस-प्रशासन को कड़े कदम उठाने पड़ते हैं और उचित गाइडलाइन तैयार करनी पड़ती है। सावन के पवित्र महीने में कांवड़ियों और श्रद्धालुओं की भावनाओं का ख्याल रखना बेहद जरूरी होता है। गत कुछ वर्षों में इस मुद्दे पर कई घटनाएं सामने भी आई, जिससे कानून व्यवस्था को लेकर दिक्कत आई थी। लिहाजा भविष्य में इस तरह की कोई समस्या सामने न आए, इसलिए कुछ निर्देश जारी किए गए हैं और यह सभी धर्मों के लोगों पर समान रूप से लागू है। उन्होंने इस पूरे विषय पर कांग्रेस पर राजनीति करने का आरोप लगाया है। बेहतर होता वे भी कांवड़ यात्रा को लेकर पुलिस की गाइडलाइन का स्वागत कर सफल एवं सुरक्षित कांवड़ यात्रा में सहयोग करते, लेकिन बिना उद्देश्य को जाने, राजनैतिक मकसद से प्रश्न खड़ा करना और झूठ एवं भ्रम फैलाना, यात्रा की पवित्रता और सुरक्षा विरोधी कांग्रेसी सोच को दर्शाता है।

उन्होंने सवाल किया कि कांग्रेस पहचान छिपाने की मंशा रखने वाले लोगों के समर्थन में हमेशा क्यूं खड़ी रहती है। चाहे अवैध तरीके से भारत के संसाधनों को लूटते रोहिंग्या हों, चाहे गलत मंशा से धार्मिक अतिक्रमण से लैंड जिहाद करने वाले हों, चाहे नाम बदलकर लव ज़िहाद को अंजाम देने वाले हों, चाहे लालच और झूठ फरेब से धर्मांतरण का पाप करने वाले हों। प्रत्येक मुद्दे पर हुई कार्यवाही या नियमों के अनुपालन का हमेशा कांग्रेस और विपक्ष ने क्यों विरोध किया।

कांवड़ यात्रा के दौरान पहचान सार्वजनिक करने के निर्देश का कांग्रेसी विरोध भी उनकी वोट बैंक की राजनीति एवं तुष्टिकरण का हिस्सा है। जबकि पहचान छिपाने की प्रवृति स्वयं नेहरू के कार्यकाल से ही शुरू हो गई थी, जब यूसुफ खान को दिलीप कुमार बनना पड़ा, जो समय के साथ उनके कार्यकालों में आगे बढ़ती गई।

उन्होंने आइना दिखाते हुए कहा कि कांग्रेस एक तरफ चारधाम यात्रा को प्रभावित करने के लिए केदारनाथ धाम के विषय पर राजनैतिक यात्रा निकाल रही है और दूसरी ओर कांवड़ यात्रा की व्यवस्था बिगाड़ने के मकसद से प्रशासनिक गाइडलाइन का विरोध कर रही है। उनका यह राजनैतिक दोगलापन, पहचान या उद्देश्य छिपाने और भ्रम या अफवाह फैलाने की प्रवृति को प्रेरित करता है।

हिन्दुस्थान समाचार / कमलेश्वर शरण / प्रभात मिश्रा

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