उत्तराखंड भोजन माता कामगार यूनियन ने अपनी पांच सूत्री मांगों को लेकर किया प्रदर्शन
-मुख्य शिक्षा अधिकारी के माध्यम से मुख्यमंत्री को भेजा ज्ञापन
गोपेश्वर, 21 नवम्बर (हि.स.)। उत्तराखंड भोजन माता कामगार यूनियन चमोली की ओर से मंगलवार को जिला मुख्यालय गोपेश्वर में अपनी पांच सूत्रीय मांगों को लेकर प्रदर्शन कर मुख्य शिक्षा अधिकारी चमोली के माध्यम से एक ज्ञापन मुख्यमंत्री को भेजा है। जिसमें उन्होंने उनकी मांगों पर सकारात्मक ढंग से पहल करते हुए पूरा करने की मांग की है।
भोजन माता कामगार यूनियन की जिलाध्यक्ष उर्मिला और सचिव सुमन देवी का कहना है कि विद्यालयों में भोजन बनाने वाली माताऐं अधिकांशतया गरीब परिवारों से आती है। भोजनमाताएं लंबे समय से अपनी मांगों को लेकर संघर्ष कर रही है। भोजन माताओं को न तो राज्य कर्मचारी घोषित किया जा रहा है और न ही उन्हें न्यूनतम मानदेय दिया जा रहा है। उनका यह भी कहना था कि चमोली जिले में छात्र संख्या कम होने पर कई विद्यालयों को बंद कर दिया गया है और उनके शिक्षकों को अन्य विद्यालयों में संबद्ध किया गया है लेकिन भोजन माताओं को हटाया जा रहा है जो उनके साथ अन्याय है। ऐसे में उनके सामने रोजी रोटी का संकट पैदा हो गया है।
उन्होंने सरकार से मांग की है कि भोजन माताओं को राज्य कर्मचारी घोषित किया जाए और तब तक उन्हें न्यूनतम 24 हजार रुपये मानदेय दिया जाए, भोजन माताओं को हर माह वेतन दिया जाए, वर्दी भत्ता और दीपावली बोनस दिया जाए, भोजन माताओं को हटाया न जाए उन्हें भी शिक्षकों की भांति संबद्ध किया जाए, भोजन माताओं को जून माह का मानदेय भी दिया जाए तथा दो लाख रुपये की प्रोत्साहन राशि दी जाए।
इस मौके पर ज्योति गौड, विजय डंगवाल, सुमन देवी, उर्मिला नेगी, राजेश्वरी, उषा, अनीता सती, कमला देवी, सुमंगला देवी, उषा रौतेला, गोपाल सिंह, सेन सिंह, भूपेंद्र सिंह, सीटू जिलाध्यक्ष मदन मिश्रा आदि मौजूद थे।
हिन्दुस्थान समाचार/जगदीश/रामानुज
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