उत्तराखंड विस मानसून सत्र : पहले दिन तीन विधेयक पेश, सत्र की कार्यवाही गुरुवार 11 बजे तक स्थगित

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उत्तराखंड विस मानसून सत्र : पहले दिन तीन विधेयक पेश, सत्र की कार्यवाही गुरुवार 11 बजे तक स्थगित


- विधानसभा की कार्यवाही कल 11 बजे तक लिए स्थगित

देहरादून, 21 अगस्त (हि.स.)। उत्तराखंड की ग्रीष्मकालीन राजधानी गैरसैंण के भराड़ीसैंण स्थित विधानसभा भवन में बुधवार से तीन दिवसीय विधानसभा का मानसून सत्र शुरू हो चुका है। सत्र के पहले दिन सबसे पहले सदन में दिवगंत विधायकों को श्रद्धांजलि दी गई। आज सदन में तीन विधेयक पेश किए गए। इसके बाद सत्र की कार्यवाही गुरुवार सुबह 11 बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई है। गुरुवार को विधेयक पर चर्चा के साथ ही अनुपूरक बजट भी पटल पर आएगा।

तीन दिवसीय मानसून सत्र के पहले दिन बुधवार को दिवगंत विधायक शैलारानी रावत और पूर्व विधायक कैलाश गहतोड़ी को श्रद्धांजलि अर्पित की गई। शोक प्रस्ताव के बाद सदन की कार्यवाही शाम पांच के लिए स्थगित कर दी गई। शाम पांच बजे के बाद सदन में उत्तराखंड लोक एवं निजी संपत्ति क्षति वसूली और उत्तरप्रदेश नगर पालिका अधिनियम व नगर निगम अधिनियम संशोधन सहित तीन विधेयक पेश किए गए। इसके बाद सत्र की कार्यवाही गुरुवार सुबह 11 बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई है।

मानसून सत्र की अवधि भले ही तीन दिन है, लेकिन इस दौरान लगभग पांच हजार करोड़ का अनुपूरक बजट के साथ ही कई विधेयक पास करने के साथ ही प्रतिवेदन सदन के पटल पर रखे जाएंगे। विधायकों ने सत्र के लिए लगभग 500 प्रश्न लगाए हैं। प्रदेश सरकार की ओर से कल लगभग पांच हजार करोड़ रुपये का अनुपूरक बजट सदन में पेश किया जाएगा। प्रतिवेदन रिपोर्ट पटल पर रखी जाएगी।

कांग्रेस प्रदेश सरकार पर आक्रमण का कोई अवसर हाथ से जाने नहीं देना चाहती। कानून व्यवस्था, आपदा, महिलाओं के खिलाफ अत्याचार की घटनाओं, आपदा प्रबंधन में कमियों, कड़ा भू-कानून, भ्रष्टाचार और बेरोजगारी को लेकर मुख्य विपक्षी दल के विधायक सत्तापक्ष पर प्रहार कर सकते हैं।

नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य ने आरोप लगाते हुए कहा कि राज्य में कानून व्यवस्था पूरी तरह से खस्ताहाल है। फिर भी सरकार अपनी जिम्मेदारी से भाग रही है। सत्र की अवधि बहुत छोटी है। मात्र दो दिन में 500 प्रश्नों के जवाब विभागीय मंत्री कैसे दे पाएंगे। छह माह में सदन आहूत हो रहा है। कार्य मंत्रणा की बैठक में सत्रावधि को बढ़ाने की मांग की गई। साल में 60 दिन का सत्र होना चाहिए। भाजपा सरकार संख्या बल के आधार पर संवैधानिक व्यवस्था को ताक पे रखकर सदन चलाना चाहती है। उन्होंने कहा कि विपक्ष गुरुवार को कार्यस्थगन का प्रस्ताव लाएगी।

उन्होंने कहा कि सरकार रोजगार की केवल कागजों में बात कर रही है। मेले में नियुक्ति दी जा रही है। उन्होंने दावा किया कि कांग्रेस जनहित के मुद्दे को लेकर सदन में सदन में पूरी रणनीति के साथ और दमदार तरीके से अपनी बात को रखेगी।

हिन्दुस्थान समाचार / राजेश कुमार / वीरेन्द्र सिंह

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