श्री नंदा देवी महोत्सव को यूनेस्को वर्ल्ड हेरिटेज में शामिल करने का आग्रह
नैनीताल, 7 सितंबर (हि.स.)। कुमाऊं विश्वविद्यालय शिक्षक संघ (कूटा) ने जिलाधिकारी नैनीताल को पत्र लिखकर श्री नंदा देवी महोत्सव को यूनेस्को की वर्ल्ड हेरिटेज साइट में शामिल करने के लिए आवश्यक कदम उठाने का आग्रह किया है। कूटा ने इस पत्र में उल्लेख किया है कि गत वर्ष से जिलाधिकारी के प्रयासों से इस दिशा में पहल हुई थी, और इस वर्ष महोत्सव का आयोजन 8 सितंबर से हो रहा है।
कूटा के अध्यक्ष प्रो. ललित तिवारी और महासचिव डॉ. विजय कुमार ने जिलाधिकारी से अनुरोध किया है कि इस वर्ष श्री नंदा देवी महोत्सव को यूनेस्को की वर्ल्ड हेरिटेज साइट में शामिल करने के लिए उत्तराखंड शासन को सहमति के साथ प्रस्ताव भेजा जाए। उन्होंने नैनीताल के सांसद और विधायक से भी इस दिशा में सहयोग की अपील की है, ताकि उत्तराखंड की अनूठी सांस्कृतिक धरोहर से विश्व परिचित हो सके।
महोत्सव का ऐतिहासिक महत्व
श्री नंदा देवी महोत्सव की शुरुआत नैनीताल में 1903 से हुई, और 1926 से श्री राम सेवक सभा इसे नियमित रूप से आयोजित कर रही है। यह महोत्सव न केवल उत्तराखंड की संस्कृति को प्रसारित करता है, बल्कि पर्यावरण संरक्षण का संदेश भी देता है। महोत्सव में पारंपरिक लोक परम्पराओं का पालन होता है, और इसमें पर्यावरण के अनुकूल सामग्री का उपयोग किया जाता है, जो पारिस्थितिक संतुलन को बनाए रखने में सहायक है।
श्री नंदा देवी महोत्सव धार्मिक आयोजनों के साथ-साथ सांस्कृतिक और मानवीय संवेदनाओं को प्रकृति और आस्था से जोड़ने का कार्य करता है। इस महोत्सव के माध्यम से जनमानस में मानवीय गुणों का विस्तार होता है, जो इसे और भी महत्वपूर्ण बनाता है।
हिन्दुस्थान समाचार / डॉ. नवीन चन्द्र जोशी
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