कुमाऊं विवि के पूर्व भूगर्भशास्त्री डॉ. बहादुर सिंह कोटलिया का असामयिक निधन
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नैनीताल, 13 फ़रवरी (हि.स.)। कुमाऊं विवि के पूर्व भूगर्भशास्त्री डॉ. बहादुर सिंह कोटलिया के असामयिक निधन का समाचार है। कुमाऊं विवि के कार्यपरिषद सदस्य अरविंद पडियार ने उनके निधन की पुष्टि करते हुये बताया कि उनके फेफड़ों में संक्रमण की दिक्कत थी। इसके उपचार के लिये वह दिल्ली में भर्ती थे। बुधवार को उनके पार्थिव शरीर को उनके भीमताल स्थित घर लाया जाएगा और कल ही उनका अंतिम संस्कार रानीबाग स्थित चित्रशिला घाट में किया जाएगा।
उल्लेखनीय है कि नैनीताल जनपद के ओखलकांडा विकासखंड के कोटली गांव निवासी करीब 63 वर्षीय स्वर्गीय कोटलिया कुमाऊं विवि के एमएससी भूविज्ञान विभाग के 1979 बैच के पहले बैच के विद्यार्थी रहे। बाद में पीएचडी करने के बाद वह जर्मनी के एलक्जेंडर वॉन फाउंडेशन के पोस्ट डॉक्टरल फेलो रहे। 1991 में वह यूजीसी के रिसर्च साइंटिस्ट यानी शोध वैज्ञानिक के तौर पर कुमाऊं विवि आये। वह पेलियो क्लाइमेट के यानी पुरा मौसम के वैज्ञानिक थे। पुरा मौसम के वैज्ञानिक के रूप में उन्होंने पुरानी झीलों, गुफाओं आदि का अध्ययन कर 5-10 हजार वर्षों पूर्व के मौसम का अध्ययन किया था। इसके अलावा उन्होंने पृथ्वी की हलचलों और मेरुदंडधारी जानवरों के जीवाष्मों का अध्ययन भी किया था। उनकी धर्मपत्नी मंजू कोटलिया अधिवक्ता हैं एवं उपभोक्ता फोरम की सदस्य भी रही हैं। उनके निधन से कुमाऊं विवि के प्राध्यापकों में शोक की लहर है। भूविज्ञान विभाग के पूर्व विभागाध्यक्ष डॉ. चारु चंद्र पंत ने कहा कि उनके असामयिक निधन का समाचार उनके लिये झटके की तरह है।
हिन्दुस्थान समाचार/डॉ.नवीन जोशी/प्रभात
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