संयासी बनकर पहली बार हल्द्वानी पहुंचा अंडरवर्ल्ड डान पीपी, सात घंटे बाद वापस जेल लौटा
- पिता के पीपलपानी संस्कार में शामिल होने के लिए उसे अल्मोड़ा जेल से मिली थी पैरोल
- मुंबई जाकर बन गया अंडरवर्ल्ड डान, दाऊद को मारने की ठान ली थी, भुगत रहा उम्र कैद
हल्द्वानी, 05 सितंबर (हि.स.)। अंडरवर्ल्ड डान प्रकाश पांडेय उर्फ पीपी संयासी बनने के बाद पहली बार हल्द्वानी अपने घर पहुंचा। पिता के पीपलपानी संस्कार में शामिल होने के लिए उसे अल्मोड़ा जेल से सात घंटे की पैरोल पर छोड़ा गया था।
दरअसल, 13 दिन पहले पीपी के पिता का निधन हो गया था। पिता के पीपलपानी संस्कार में शामिल होने के लिए उसे अल्मोड़ा जेल से सात घंटे की पैरोल पर छोड़ा गया था। पीपी सुबह नौ बजे कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच घर पहुंचा और अपराह्न तीन बजे वापस अल्मोड़ा जेल के लिए लौटा। घर में वह भगवा वस्त्र धारण कर पहुंचा था और गले में दंडीनाथ महाराज का दिया आइडी कार्ड भी टांग रखा था।
काठगोदाम थाना क्षेत्र के शीशमहल निवासी प्रकाश पांडेय उर्फ पीपी वर्ष 2010 में वियतनाम से गिरफ्तार हुआ था। वह अल्मोड़ा जेल में आजीवन कारावास की सजा भुगत रहा है। जरायम की दुनिया में कदम रखने के बाद पीपी मुंबई में जाकर अंडरवर्ल्ड डान बन गया। पाकिस्तान में जाकर उसने दाऊद को मारने की ठान ली थी। छोटे राजन से उसके तार जुड़े थे।
गत 17 मार्च को उसने अल्मोड़ा जेल प्रशासन को पत्र लिखकर संयासी बनने व मंदिर के बाहर पूजा पाठ करने की अनुमति मांगी थी, लेकिन जेल प्रशासन ने जेल के बाहर पूजा-पाठ की अनुमति नहीं दी। वहीं काठमांडू के नाथ संप्रदाय के आचार्य दंडीनाथ महाराज ने 28 मार्च को अल्मोड़ा जेल के अंदर जेल प्रशासन की निगरानी में पीपी को संयास की दीक्षा दिलाई। प्रकाश का नाम भी योगी प्रकाशनाथ रखा गया। पुलिस के अनुसार 13 दिन पहले पीपी के पिता का निधन हो गया था।
हिन्दुस्थान समाचार / अनुपम गुप्ता
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