फाइलों में ही गुम हो गई माणा-बामणी स्वीकृत सड़क

फाइलों में ही गुम हो गई माणा-बामणी स्वीकृत सड़क
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फाइलों में ही गुम हो गई माणा-बामणी स्वीकृत सड़क


-16 वर्षों से सड़क से जुड़ने के इंतजार मे हैं सीमान्तवासी

जोशीमठ, 14 जनवरी (हि.स.)। श्री बद्रीनाथ मास्टर प्लान की चकाचौंध के बीच देश के पहले गांव माणा से इन्द्रधारा-बामणी गांव को सड़क संपर्क से जुड़ने का इंतजार है।

वर्ष 2006-07 मे स्वीकृत माणा-बामणी तीन किमी सड़क से इन्द्रधारा, भृगुधारा व गजकोटी गांवों को भी जुड़ना था, लेकिन 16 वर्ष बीतने के बाद भी तीन किमी सड़क का निर्माण नहीं हो सका।

इन गांवों को सड़क संपर्क से जोड़ने के लिए 25 सितंबर 2006 को तीन किमी सड़क सहित 70 मीटर स्पान पुल निर्माण की प्रशासनिक एवं वित्तीय स्वीकृति मिल चुकी थी,लेकिन सड़क फाइलों में ही गुम होकर रह गई माणा गांव वाइब्रेंट विलेज योजना से जरूर जुड़ा, लेकिन श्री बद्रीनाथ धाम के समीप ही सीमान्त के सड़क विहीन तीन गांव सुविधाओं से वंचित हैं।

करीब तीस वर्षों से लगातार संपर्क करने के बाद वर्ष 2006-07 में तीन किमी सड़क की स्वीकृति तो मिली लेकिन 16 वर्षो के बाद भी यह मुकाम तक नहीं पहुंच सकी। बद्रीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति के उपाध्यक्ष किशोर पंवार ने गत 07 अप्रैल को मुख्यमंत्री से भेंट कर उपरोक्त स्वीकृत सड़क के निर्माण का आग्रह किया था।

माणा ग्राम पंचायत के प्रधान पीताम्बर सिंह मोलफा के अनुसार 2006-07 मे माणा-बामणी सड़क की स्वीकृति मिली थी, काफी प्रयासों के बाद 2016 में मोटर पुल का निर्माण तो हुआ लेकिन सड़क का आज तक भी निर्माण नहीं हो सका।

हिन्दुस्थान समाचार/प्रकाश कपरूवाण /रामानुज

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