जन-जन की सरकार, जन-जन के द्वार : 126 शिविर, 64,960 नागरिकों को लाभ, 7,952 शिकायतों का निस्तारण
-अब जनता नहीं जाएगी दफ्तर, सरकार पहुंचेगी घर-घर : मुख्यमंत्री
-जनसेवा में लापरवाही बरतने वालों पर होगी कठोर कार्रवाई
देहरादून, 26 दिसंबर (हि.स.)। “जन-जन की सरकार, जन-जन के द्वार” कार्यक्रम के तहत प्रदेश के 13 जनपदों में 126 शिविरों का शुक्रवार तक आयोजन किया गया, जिनमें 64,960 नागरिकों ने प्रत्यक्ष रूप से भाग लिया। इन शिविरों के माध्यम से 10,962 शिकायतें प्राप्त हुईं, जिनमें से 7,952 शिकायतों का मौके पर ही या समयबद्ध निस्तारण किया गया। इसके अतिरिक्त 12,399 प्रकरणों में विभिन्न प्रमाण पत्र एवं सरकारी लाभ प्रदान किए गए, जबकि 39,923 नागरिकों को अन्य जनकल्याणकारी योजनाओं से लाभान्वित किया गया।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि “मेरी सरकार का संकल्प स्पष्ट है-जनता को कार्यालयों के चक्कर नहीं लगाने पड़ेंगे, बल्कि सरकार स्वयं जनता के द्वार तक पहुंचेगी।‘जन-जन की सरकार, जन-जन के द्वार’ कार्यक्रम के माध्यम से हम यह सुनिश्चित कर रहे हैं कि अंतिम पंक्ति में खड़ा व्यक्ति भी सरकारी योजनाओं और सेवाओं का लाभ बिना किसी बाधा के प्राप्त कर सके। हर शिकायत का समयबद्ध समाधान और हर पात्र व्यक्ति तक लाभ पहुंचाना हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता है।
मुख्यमंत्री ने इस कार्यक्रम की समीक्षा करते हुए अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि जो दिव्यांग, वृद्ध या कमजोर वर्ग के लाभार्थी शिविरों तक नहीं आ सकते, उनके घर तक अधिकारी स्वयं जाएं शिकायतों और आवेदनों का निस्तारण केवल कागज़ी नहीं, बल्कि वास्तविक और प्रभावी हो। किसी भी स्तर पर लापरवाही, टालमटोल या उदासीनता बर्दाश्त नहीं की जाएगी। प्रत्येक जनपद में फीडबैक आधारित मॉनिटरिंग सुनिश्चित की जाए। योजनाओं का लाभ पारदर्शिता और गरिमा के साथ अंतिम व्यक्ति तक पहुंचे मुख्यमंत्री ने यह भी स्पष्ट किया कि जनसेवा में कोताही करने वाले अधिकारियों पर कठोर कार्रवाई की जाएगी।
जन-जन की सरकार, जन-जन के द्वार” कार्यक्रम मुख्यमंत्री धामी के नेतृत्व में उत्तराखंड को सुशासन, संवेदनशीलता और जवाबदेही का मॉडल राज्य बना रहा है। यह अभियान केवल एक कार्यक्रम नहीं, बल्कि सरकार और जनता के बीच विश्वास का मजबूत सेतु है।
हिन्दुस्थान समाचार / राजेश कुमार

