बजट बनाने में जन सहभागिता महत्वपूर्ण : मुख्यमंत्री
देहरादून, 20 जनवरी (हि.स.)। मुख्यमंत्री ने बजट संवाद के लिए एकत्रित सभी हितधारकों का स्वागत करते हुए कहा कि बजट प्रदेश की आर्थिक स्थिति और भविष्य का दर्पण है। बजट बनाने में जन सहभागिता महत्वपूर्ण होती है।
शनिवार को मुख्यमंत्री आवास स्थित मुख्य सेवक सदन में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने प्रदेश की आर्थिकी को सशक्त बनाने के लिए ''बजट -पूर्व संवाद'' कार्यक्रम में प्रतिभाग किया। इस दौरान उद्योग जगत, डेयरी विकास, पर्यटन व्यवसाय, औद्यानिकी क्षेत्र के लोगों, शिक्षाविद् एवं वैज्ञानिकों, व्यापारियों, प्रगतिशील कृषकों, पशुपालकों , मत्स्य पालकों, लखपति दीदी, जनप्रतिनिधियों एवं विभिन्न क्षेत्रों से आए लोगों ने मुख्यमंत्री को आगामी बजट के संबंध में सुझाव दिए।
उन्होंने कहा कि राज्य सरकार वर्ष 2024-25 के लिए जल्द ही बजट पेश करने जा रही है। विगत वर्ष की भांति इस वर्ष भी जनता से बजट के लिए महत्वपूर्ण सुझाव मांगे हैं।
बजट को जनता के सुझावों के आधार और जनभावनाओं के अनुरूप बनाया जाना अत्यंत आवश्यक है। जनता की आकांक्षाओं और क्षमता को बेहतर ढंग से समझने के लिए जनसंवाद, बजट निर्माण की सबसे महत्वपूर्ण कड़ी है। अर्थव्यवस्था की प्रगति का सीधा सम्बन्ध आम जनता के गुणवत्तापूर्ण जीवन से होता है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि बजट का केंद्रीय बिंदु उत्तराखण्ड का समग्र विकास है। सतत विकास, समावेशी विकास और नवाचार और प्राद्यौगिकी पर आधारित विकास राज्य सरकार मूल मंत्र है। उत्तराखंड को हर क्षेत्र में अग्रणी राज्य बनाने के लिए प्रदेश का सकल घरेलू उत्पाद (जीएसडीपी) बढ़ाना जरूरी है, जिसके लिए हम सभी को मिलकर काम करना होगा। प्रत्येक राज्यवासी जब अपने क्षेत्र में अच्छा कार्य करेंगें तभी हमारा प्रदेश चहुँमुखी प्रगति करेगा और अर्थव्यवस्था में वृद्धि होगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में उत्तराखंड विकास की नई ऊंचाइयों को छू रहा है। प्रदेश में भारतमाला, पर्वतमाला, डेडिकेटेड रेल फ्रंट कॉरिडोर आदि परियोजनाओं से व्यापार और उद्यम को नई ऊंचाई प्राप्त हुई है। जिससे प्रदेश के आर्थिक परिदृश्य में गुणात्मक परिवर्तन दिख रहे हैं। राज्य सरकार ने कई नीतियों में आवश्यक परिवर्तन कर अधिक से अधिक लोगों को लाभान्वित करवाया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा प्राथमिक क्षेत्र के साथ-साथ वैकल्पिक ऊर्जा, पर्यटन, तथा उद्योग के क्षेत्र में निवेश हेतु सकारात्मक माहौल बनाया है। दिसम्बर 2023 में आयोजित उत्तराखण्ड वैश्विक निवेशक सम्मेलन-2023 में 3.56 लाख करोड़ रुपये के एम.ओ.यू. हस्ताक्षरित किए गए। निवेश प्रस्तावों से प्रदेश में बेहतर परिणाम आ सके। उस दिशा में हम प्रयत्नशील हैं।
उन्होंने कहा कि हमारी नीयत साफ, सोच स्पष्ट, दृष्टि व्यापक है। अर्थव्यवस्था की वर्तमान संरचना और उभरती हुई गतिशीलता हमें यह भरोसा दे रही है कि आने वाले समय में अर्थव्यवस्था में और गति आयेगी और हम सबके सामूहिक प्रयास, प्रदेश की आर्थिकी को मजबूत करने में सहायक सिद्ध होंगें।
वित्त मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल ने कहा कि हमने बजट को जनता का बजट बनाने पर काम किया है। जन सहभागिता से बजट तैयार हो इस पर निरंतर कार्य हो रहा है। उन्होंने कहा संपूर्ण प्रदेश से बजट पर सुझाव मांगे जा रहे हैं। हम सामूहिक प्रयास से उत्तराखंड राज्य को आगे ले जाने का काम करेंगे।
उन्होंने कहा मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के मार्गदर्शन में निश्चित ही उत्तराखंड राज्य देश का सर्वश्रेष्ठ राज्य बनेगा। आज हम इंफ्रास्ट्रक्चर टेक्नोलॉजी एग्रीकल्चर इनोवेशन के क्षेत्र में कई काम कर रहे हैं और यह काम निरंतर आगे चलते रहेंगे।
बजट के संबंध में सलाह देते हुए कुलपति दून यूनिवर्सिटी डॉ. सुरेखा डंगवाल ने कहा कि उच्च शिक्षा के क्षेत्र में पीएचडी स्कॉलर स्टूडेंट्स के लिए रिसर्च की गुणवत्ता बढ़ाए जाने के क्रम में राज्य सरकार की ओर से बजट में प्रावधान होना चाहिए। पेट्रोलियम यूनिवर्सिटी के कुलपति प्रोफेसर राम शर्मा ने कहा कि उच्च शिक्षा के क्षेत्र में बेहतर प्रदर्शन करने वाले विश्वविद्यालय को प्रोत्साहित करने के लिए बजट में प्रावधान किया जाना चहिए।
टिहरी जिला पंचायत अध्यक्ष सोना सजवाण ने कहा कि पंचायत के विकास हेतु बजट में राज्य की भौगोलिक परिस्थितियों के अनुसार पंचायतों हेतु वित्त अनुदान बढ़ना चाहिए।
महानिदेशक यू कास्ट प्रो. दुर्गेश पंत ने कहा कि राज्य में नॉलेज कैपिटल और ह्यूमन कैपिटल पर निवेश किया जाना चाहिए। हमें राज्य में नॉलेज बेस्ड इकोनॉमी को बढ़ावा देना चाहिए। साथ ही प्रत्येक जनपद में डिस्ट्रिक्ट साइंस , टेक्नोलॉजी, इन्नोवेशन सेंटर्स की स्थापना के लिए भी बजट में प्रावधान होना चाहिए। उन्होंने कहा कि जीईपी (सकल पर्यावरण उत्पाद) के आंकलन के लिए भी बजट में अलग से प्रावधान होना चाहिए। साथ ही सरकार ने सीएसआर की घोषणा पर आईएसआर (इंटेलेक्चुअल सोशल रिस्पांसिबिलिटी ) को भी राज्य में बढ़ावा देना होगा। उन्होंने कहा बदलते समय को देखते हुए ए.आई के लिए भी बजट में प्रावधान होना चाहिए।
उद्योग जगत से जुड़े विपिन गुप्ता ने कहा कि डिजिटल कनेक्टिविटी के लिए बजट में प्रावधान बढ़ाना चाहिए। साथ ही थ्री व्हीलर वाहनों को इलेक्ट्रिक वाहन में परिवर्तित करने के लिए भी बजट में प्रावधान होना चाहिए। पंकज गुप्ता ने कहा कि स्थानीय संसाधनों से स्थानीय लोगों को ही रोजगार मिले। इसके लिए अलग से नीति आनी चाहिए एवं बजट में प्रावधान होना चाहिए। उन्होंने बजट में राज्य सरकार की ओर से हरिद्वार देहरादून रेल लाइन ट्रैक को डबल किए जाने हेतु बजट अनुमोदित किए जाने की बात कही। उद्यमी अनिल गोयल ने कहा कि व्यापारियों को आपदा से होने वाले नुकसान से बचाया जा सके इसके लिए बजट में अलग से प्रावधान होना चाहिए।
होमस्टे चलाने वाले हरिद्वार के अभ्युदय शर्मा ने कहा कि होम स्टे को और अधिक बढ़ावा देने, होमस्टे के प्रचार प्रसार हेतु बजट में प्रावधान करने चाहिए। लैंसडाैन से आए संदीप सिंह रावत ने बताया कि पर्यटन से जुड़े लोगों के लिए सरकार ने बजट में अलग से सहायता फंड की व्यवस्था करनी चाहिए। सहसपुर से आई लखपति दीदी गीता मौर्य ने स्वयं सहायता समूह को मिलने वाले ऋण की रकम बढ़ाए जाने की बात कहीं। चंबा से आए संतोष नेगी ने मशरूम की खेती के दौरान ट्रांसपोर्ट में आने वाली रकम को सब्सिडी के माध्यम से दिए जाने की बात उठाई। उन्होंने भूसे ( सुखा चारा) को दुग्ध समितियों के माध्यम से मशरूम उत्पादकों तक पहुंच जाने की भी बात कही। टिहरी गढ़वाल के कृषक कुंदन सिंह पवार ने एप्पल मिशन की तर्ज पर स्टोन फ्रूट मिशन को भी बजट में शामिल कर शुरू किए जाने की बात कही।
इस दौरान कार्यक्रम में दर्जा मंत्री विश्वास डावर, अपर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी, अपर मुख्य सचिव आनंद बर्धन, सचिव आ.मीनाक्षी सुंदरम, बीवीआरसी पुरुषोत्तम, अपर सचिव रणवीर सिंह चौहान अपर सचिव युगल किशोर पंत, मनमोहन मैनाली और अन्य लोग मौजूद रहे।
हिन्दुस्थान समाचार/राजेश
/रामानुज
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