बुनियादी ढांचे के विकास से जुड़ी परियोजनाओं को प्राथमिकता से करें क्रियान्वयन: मुख्यमंत्री

बुनियादी ढांचे के विकास से जुड़ी परियोजनाओं को प्राथमिकता से करें क्रियान्वयन: मुख्यमंत्री
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बुनियादी ढांचे के विकास से जुड़ी परियोजनाओं को प्राथमिकता से करें क्रियान्वयन: मुख्यमंत्री


- 10 करोड़ के कॉरपस कोष के गठन को मंजूरी

देहरादून, 09 जनवरी (हि.स.)। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य के बुनियादी ढांचे के विकास से जुड़ी परियोजनाओं की पहचान कर उनका प्राथमिकता के साथ सफल क्रियान्वयन पर ध्यान देना जरूरी है। जिन योजनाओं का क्रियान्वयन किया जाना है उनकी प्राथमिकता तय कर समयबद्धता के साथ उन्हें पूरा करने के प्रयास होने चाहिए।

मंगलवार को सचिवालय में मुख्यमंत्री पुष्करसिंह धामी की अध्यक्षता में उत्तराखण्ड निवेश और आधारिक संरचना विकास बोर्ड (यू.आई.आई.डी.बी.) की पहली बोर्ड बैठक आयोजित हुई। बैठक में बोर्ड और कार्य समिति की संरचना के साथ ही 10 करोड़ के प्रारम्भिक कॉरपस कोष के गठन को भी मंजूरी दी गई।

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश के बुनियादी ढांचागत विकास के क्षेत्र में निरन्तर परिवर्तित हो रहे परिदृश्य और विकास की नवीन आवश्यकताओं के दृष्टिगत उत्तराखंड राज्य में आधारभूत ढांचे के विकास को तेजी से आगे बढ़ाने के लिए और पीपीपी परियोजनाओं को विकसित करने के लिए उत्तराखण्ड निवेश और आधारिक संरचना विकास बोर्ड (यू.आई.आई.डी.बी.) गठित किया गया है। मुख्यमंत्री ने निर्देश दिये कि राज्य हित में जिन उद्देश्यों की पूर्ति के लिये यू.आई.आई.डी.बी.का गठन किया गया उसके परिणाम शीघ्र धरातल पर दिखाई दे इसके लिये प्रभावी कार्ययोजना के साथ कार्य किया जाय।

राज्य में हवाई अड्डों के विकास एवं विस्तार, दूरसंचार अवसंरचना, मेडिकल कॉलेजों के विकास, नई टाउनशिप-आवास,औद्योगिक लॉजिस्टिक गलियारे,पर्यटन संबंधी निर्माण विकास जैसी बुनियादी ढांचे के क्षेत्र की परियोजनाओं के विकास के लिए अत्यधिक पूंजी निवेश की आवश्यकता होती है। राज्य में वित्तीय संसाधनों की सीमितता के दृष्टिगत राज्य के आधारभूत अवसंरचनात्मक ढांचे के विकास के लिए पूंजीगत आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए इस क्षेत्र के घरेलू और अंतरराष्ट्रीय पूंजी निवेशकों को आकर्षित किया जाना आवश्यक है। इसके लिए लोक निजी सहभागिता (पी.पी.पी.) परियोजनाओं के प्रोत्साहन पर विशेष ध्यान देना होगा।

मुख्यमंत्री ने बोर्ड की संरचना और कार्यकारी समिति से संबंधित विभागों के उच्चाधिकारियों सहित अच्छे विषय विशेषज्ञों को भी नामित करने के निर्देश दिए। यदि बोर्ड से अच्छे और अनुभवी विशेषज्ञ जुडेंगे तो कार्यों का संचालन भी बेहतर ढंग से हो सकेगा।

प्राथमिकता के आधार पर वेडिंग डेस्टिनेशन का करें स्थान चयन:

मुख्यमंत्री ने हरिद्वार, ऋषिकेश कोरिडोर, शारदा कॉरिडोर के साथ वेडिंग डेस्टिनेशन के लिये प्रदेश के विभिन्न स्थलों पर स्थान चयन में प्राथमिकता देने को कहा। राज्य वेडिंग डेस्टिनेशन के लिये त्रिजुगीनारायण के अलावा कई और भी सुरम्य स्थल है। राज्य को वेडिंग डेस्टिनेशन के रूप में विकसित करने के प्रधानमंत्री मोदी के भी निर्देश है। अतः इस दिशा में तेजी से कार्य किया जाय। इसके लिये उन्होंने वेडिंग प्लानर की सेवा लेने को भी कहा। मुख्यमंत्री ने प्रदेश में दो नई टाउनशिप के प्रस्तावों पर भी शीघ्र कार्यवाही के साथ बिहारीगढ के आसपास के क्षेत्रों के विकास के साथ रेसकोर्स,यमुना कॉलोनी,एच.एम.टी.रानीबाग के पुनर्विकास की योजनाओं पर भी ध्यान देने को कहा।

बैठक में मुख्य सचिव डॉ.एस.एस.संधु, अपर मुख्य सचिव आनंद बर्द्धन, सचिव मुख्यमंत्री आर. मीनाक्षी सुन्दरम, विनय शंकर पाण्डे सहित अन्य अधिकारी उपस्थित थे।

हिन्दुस्थान समाचार / राजेश/प्रभात

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