दो दिवसीय बौद्धिक संपदा अधिकार कार्यशाला का हुआ समापन

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दो दिवसीय बौद्धिक संपदा अधिकार कार्यशाला का हुआ समापन


गोपेश्वर, 20 सितम्बर (हि.स.)। चमोली जिले के गोपेश्वर महाविद्यालय में बीएड विभाग के तत्वाधान में आयोजित दो दिवसीय बौद्धिक संपदा अधिकार विषय पर कार्यशाला का शुक्रवार को समापन हो गया है। इस कार्यशाला का उद्देश्य स्नातकोत्तर के विद्यार्थियों और शोधार्थियों के मध्य बौद्धिक संपदा के प्रति जागरूकता विकसित करना था।

कार्यशाला के द्वितीय दिवस शुक्रवार को मुख्य अतिथि मुख्य अतिथि इंजीनियरिंग कॉलेज गोपेश्वर के निदेशक प्रो.अमित अग्रवाल ने कहा कि यूकॉस्ट की ओर से प्रायोजित ऐसे कार्यक्रम की आवश्यकता बनी हुई है। उत्तराखंड में बहुत से उत्पाद है जिनको पेटेंट किया जाना है और कई उत्पाद और सेवाएं हैं जो पेटेंट के दायरे में आती हैं।

उन्होंने कहा कि आईपीआर में जागरूकता के लिए अभी भी पर्याप्त संभावना है। हमें अपने आसपास की समस्याओं को देखकर समाधान खोजना चाहिए।

डॉ.पीसी मैठाणी ने वैश्वीकरण और बौद्धिक संपदा पर व्याख्यान दिया गया।

कार्यक्रम में स्वामी राम हिमालय यूनिवर्सिटी की डॉ.भावना पाल,ग्राफिक एरा यूनिवर्सिटी के डॉ.वारिद पंवार, कार्यक्रम संयोजक प्रो.अमित कुमार जायसवाल,डॉ.विधि ध्यानी,महाविद्यालय के प्राचार्य प्रो.केएस नेगी,डॉ.डीएस नेगी,प्रो.चंद्रावती जोशी,डा.सबज सैनी आदि मौजूद थे।

हिन्दुस्थान समाचार / जगदीश पोखरियाल

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