आज भारतीय न्याय व्यवस्था के लिए ऐतिहासिक दिन, देश को नई दिशा दिखाएंगे नए कानून : मुख्यमंत्री
- नए कानूनों पर आधारित एप का शुभारंभ, मुख्यमंत्री ने पुलिसकर्मियों को बांटे टैबलेट
- देशभर में लागू हुए तीन नए आपराधिक कानूनों का उत्तराखंड में औपचारिक शुभारंभ
देहरादून, 01 जुलाई (हि.स.)। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने भारतीय न्याय व्यवस्था में तीन नए कानूनों के लागू होने पर कहा कि आज भारतीय न्याय व्यवस्था के लिए ऐतिहासिक दिन है। अंग्रेजों के जमाने से चले आ रहे पुराने और गैरजरूरी कानूनों को हटाकर वर्तमान परिस्थिति के हिसाब से नए आपराधिक कानून लागू हो रहे हैं। उन्होंने कहा कि नए कानून प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी एवं गृहमंत्री अमित शाह के नेतृत्व में न्याय की अवधारणा को मजबूत करेंगे और न्याय प्रक्रिया को अधिक सरल व सुलभ बनाने में पुलिस एवं न्यायालयों की मदद करेंगे।
उल्लेखनीय है कि संपूर्ण देश में सोमवार से तीन नए अपराधिक कानून यथा भारतीय न्याय संहिता-2023, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता-2023 और भारतीय साक्ष्य अधिनियम-2023 लागू हो गए हैं।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सोमवार को पुलिस मुख्यालय देहरादून में भारतीय न्याय व्यवस्था में लागू हुए तीन नए आपराधिक कानूनों का राज्य में औपचारिक शुभारंभ किया। साथ ही तीन नए कानूनों पर आधारित आईओ एप्लीकेशन का शुभारंभ एवं विवेचक पुलिसकर्मियों को टैबलेट वितरित किए।
अनुशासन, निष्पक्षता और न्याय देश की पुरानी परंपरा
मुख्यमंत्री ने कहा कि अनुशासन, निष्पक्षता और न्याय देश की पुरानी परंपरा रही है। ये तीनों कानून देश के हर नागरिक की स्वतंत्रता, मानव अधिकार और सबके साथ समान व्यवहार को सुनिश्चित करेंगे। ये कानून गुलामी की मानसिकता को मिटाने और औपनिवेशिक कानूनों से मुक्ति दिलाने की मोदी सरकार की प्रतिबद्धता को दर्शाता है। नए कानून आजादी के अमृत महोत्सव के बाद के कालखंड में देश को एक नई दिशा दिखाने का कार्य करेगा। अब हमारी न्याय प्रणाली पूरी तरह से स्वदेशी होगी, जो भारत द्वारा, भारत के लिए और भारतीय संसद द्वारा बनाए गए कानूनों के अनुसार संचालित होगी। नए कानून नागरिकों के अधिकारों की रक्षा के साथ कानून व्यवस्था को भी और अधिक सुदृढ़ करेगी।
पारदर्शी और त्वरित न्याय के साथ अत्याधुनिक तकनीकों को बढ़ावा देगी नई न्याय प्रणाली
मुख्यमंत्री ने कहा कि नए कानूनों में ई-एफआईआर की सुविधा शुरू की गई है। अब न्यायालय पीड़ित को सुनवाई का अवसर दिए बिना मुकदमा वापस लेने की सहमति नहीं देगा। नए कानूनों में टेक्नोलॉजी के प्रयोग और फॉरेंसिंक विज्ञान को बढ़ावा दिया गया है। नई न्याय प्रणाली सभी को पारदर्शी और त्वरित न्याय देने के लिए अत्याधुनिक तकनीकों को बढ़ावा देने का कार्य करेगी। नए कानूनों में ऑनलाइन व्यवस्था पर भी बल दिया गया है। नए कानूनों में सबकुछ स्पष्टता और सरलीकरण के साथ समाहित किया गया है।
छोटे अपराधों के लिए सजा के रूप में सामुदायिक सेवा की शुरुआत एक क्रांतिकारी कदम
मुख्यमंत्री ने कहा कि स्वतंत्र भारत के इतिहास में पहली बार हमारे कानून आतंकवाद, संगठित अपराधों और आर्थिक अपराधों को पूरी तरह परिभाषित करेंगे। नए कानूनों में मॉब लिंचिंग को स्पष्ट रूप से परिभाषित किया गया है। भगोड़ों की गैरमौजूदगी में भी मुकदमा चलाने के लिए स्पष्ट प्रावधान किए गए हैं। साथ ही बहुत छोटे अपराधों के लिए सजा के रूप में सामुदायिक सेवा की शुरुआत एक क्रांतिकारी कदम है।
तीनों कानूनों को पूरी प्रतिबद्धता के साथ लागू करेगी उत्तराखंड पुलिस
धामी ने कहा कि राज्य सरकार उत्तराखंड की जनता को न्याय दिलाने एवं उनके अधिकारों के संरक्षण के लिए प्रतिबद्ध है। नए कानूनों को लागू किए जाने के लिए राज्य सरकार ने पृथक रूप से 20 करोड़ रुपये की धनराशि का प्राविधान किया है। उन्होंने कहा कि आगे भी इन कानूनों के क्रियान्वयन कर्ता विभागों को इसके लिए राज्य सरकार से आवश्यक सहायता उपलब्ध कराई जाएगी। निश्चित ही तीनों कानूनों को उत्तराखंड पुलिस पूरी प्रतिबद्धता के साथ लागू करेगी। कार्यक्रम के दौरान अधिवक्ताओं, पुलिस अधिकारियों और जनप्रतिनिधियों ने भी तीन नए कानूनों पर विस्तार से जानकारी दी।
इस दौरान मुख्य सचिव राधा रतूड़ी, पुलिस महानिदेशक अभिनव कुमार, सचिव शैलेश बगौली, सचिव गृह दिलीप जावलकर, निदेशक अभियोजन डॉ. पीवीके प्रसाद, अपर पुलिस महानिदेशक डॉ. वी मुरुगेशन, अमित सिन्हा, अपर महानिदेशक कानून व्यवस्था एपी अंशुमान आदि मौजूर रहे।
हिन्दुस्थान समाचार/कमलेश्वर शरण/चंद्र प्रकाश
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