'सतत विकास के लिए कृषि, जैविक और एप्लाइड विज्ञान में वर्तमान दृष्टिकोण' पर तीन दिवसीय 9वां अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन शुरू
नैनीताल, 01 मार्च (हि.स.)। कुमाऊं विश्वविद्यालय में ‘सतत विकास के लिए कृषि, जैविक और एप्लाइड विज्ञान में वर्तमान दृष्टिकोण’ विषय पर तीन दिवसीय 9वां अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन शुरू हो गया है। शुक्रवार को विवि के हरमिटेज परिसर स्थित देवदार सभागार में आयोजित हो रहे सम्मेलन के शुभारंभ अवसर पर भारत सहित कई अन्य देशों से भी कई गणमान्य लोग शामिल हुए।
सम्मेलन में बतौर मुख्य अतिथि विवेकानंद कृषि एवं पर्यावरण संस्थान के निदेशक डॉ. लक्ष्मीकान्त ने टिकाऊ कृषि के विभिन्न पहलुओं, उत्तराखंड की जैव विविधता और इससे किसानों को होने वाले लाभ, पहाड़ी कृषि की विभिन्न चुनौतियों, गुणवत्तापूर्ण बीज की अनुपलब्धता, जलवायु परिवर्तन और जंगली जानवरों की क्षति के बारे में भी बात की।
हंगरी से आये डॉ. गबोर टाकौली ने भोजन की मात्रा से अधिक गुणवत्ता वाले भोजन और सफल कृषि में एकीकृत कीट प्रबंधन की भूमिका पर चर्चा की। सम्मेलन में शोध कार्यों के 22 मौखिक तथा 25 पोस्टर प्रस्तुतीकरण भी दिये गये।
हिन्दुस्थान समाचार/ नवीन जोशी/वीरेन्द्र
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