लोकसभा चुनाव के दौरान जिले की सीमाओं पर रहेगी कड़ी चौकसी

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लोकसभा चुनाव के दौरान जिले की सीमाओं पर रहेगी कड़ी चौकसी


-उम्मीदवारों के खर्च पर निगरानी टीमें रखेंगी पैनी नजर

-व्यय अनुवीक्षण कार्यों के लिए निगरानी टीमों को दिया गया विशेष प्रशिक्षण

गोपेश्वर, 06 फरवरी (हि.स.)। लोकसभा चुनाव के दौरान उम्मीदवारों की ओर से किए जाने वाले व्यय के अनुवीक्षण कार्य के लिए नियुक्त सभी टीमों के कार्मिकों को मंगलवार को पीजी कॉलेज गोपेश्वर में प्रशिक्षण दिया गया। मुख्य कोषाधिकारी मामूर जहां ने कार्मिकों को व्यय प्रेक्षक, सहायक व्यय प्रेक्षक, वीडियो निगरानी टीम, अवलोकन टीम, उड़नदस्ता, एमसीएमसी, लेखा टीम, शिकायत अनुवीक्षण नियंत्रण कक्ष और कॉल सेंटर के संबंध में कार्मिकों को प्रशिक्षण दिया। साथ ही चुनाव के दौरान जिले की सीमाओं पर कड़ी चौकसी रखे जाने के बारे में भी कहा गया।

मुख्य कोषाधिकारी ने कहा कि लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम 1951 की धारा 77 के अनुसार लोकसभा चुनाव लड़ने वाले प्रत्येक उम्मीदवार को उसके नामांकन की तारीख से निर्वाचन परिणाम की घोषणा की तारीख के मध्य किए गए सभी व्ययों का पृथक एवं सही लेखा रखना अनिवार्य है। लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र के प्रत्येक उम्मीदवार के छाया प्रेक्षण रजिस्टर और साक्ष्य फोल्डर के रख-रखाव में लेखा टीमों को सहायक व्यय प्रेक्षक के मार्गदर्शन में कार्य करना होगा।

लोकसभा चुनाव लड़ने वाले प्रत्येक उम्मीदवार की व्यय सीमा 95 लाख निर्धारित है। निर्वाचन व्यय अनुवीक्षण के लिए जिले में वीडियो निगरानी टीम, वीडियो अवलोकन, उड़न दस्ते, स्टैटिक निगरानी टीम, नियंत्रण कक्ष, एमसीएमसी, लेखा टीम, जिला अनुवीक्षण समिति और लिंकर मॉनिटरिंग टीमें गठित की गई है। प्रशिक्षण के दौरान प्रत्येक टीम के निर्वाचन दायित्वों एवं व्यय अनुवीक्षण कार्यों के बारे में जानकारी दी गई।

मुख्य कोषाधिकारी ने कहा कि निर्वाचन के दौरान 50 हजार से अधिक की नगदी ले जाने पर संबंधित दस्तावेज रखना अनिवार्य होगा और 10 लाख से अधिक नकदी पाए जाने पर आयकर विभाग के नोडल अधिकारी को सूचना दी जाएगी। जब्त नकदी को कोषागार में जमा कराया जाएगा। उन्होंने निगरानी टीमों को जांच के दौरान विनम्रता पूर्वक व्यवहार करते हुए कार्य करने को कहा। उन्होंने कहा कि हमारा उद्देश्य जनता को अनावश्यक परेशान करना नहीं है, बल्कि गैर-कानूनी गतिविधियों को रोकना है। उन्होंने जांच अधिकारियों को किसी भी संदिग्ध गतिविधि की सूचना तत्काल कन्ट्रोल रूम को उपलब्ध कराने के निर्देश भी दिए।

एटीओ महिपाल सिंह गढ़िया ने आयोग की ओर से व्यय लेखा की ओर से निर्धारित प्रारूपों की जानकारी देते हुए बताया कि निर्वाचन में हो रहे सभी प्रकार के व्यय की अनिवार्य रूप से रिपोर्टिंग होनी आवश्यक है। निर्वाचन के दौरान प्रत्याशियों द्वारा किये जा रहे व्यय पर पैनी नजर रखते हुए पोस्टर, बैनर, प्रचार में उपयोग होने वाले वाहनों तथा अन्य चुनाव सामग्री पर होने वाले खर्च का सम्पूर्ण लेखा तैयार किया जाए।

उन्होंने व्यय लेखा टीम को सतर्कता एवं निष्पक्षता के साथ कार्य करते हुए आयोग के दिशा निर्देशानुसार निर्धारित प्रपत्रों में व्यय लेखा विवरण की पूरी रिपोर्ट उपलब्ध कराने को कहा। इस दौरान सी विजिल एप पर दर्ज शिकायतों के निस्तारण के संबंध में भी प्रशिक्षण दिया गया। प्रशिक्षण के दौरान व्यय अनुवीक्षण कार्य के लिए नियुक्त सभी टीमों के अधिकारी एवं कार्मिक उपस्थित थे।

हिन्दुस्थान समाचार/जगदीश/रामानुज

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