सिमटती जा रही है असहमति की जगह, वक्ता बोले- लोकतंत्र के सामने संकट

सिमटती जा रही है असहमति की जगह, वक्ता बोले- लोकतंत्र के सामने संकट
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सिमटती जा रही है असहमति की जगह, वक्ता बोले- लोकतंत्र के सामने संकट


- कॉ. बच्चीराम कौंसवाल स्मृति व्याख्यान ,वक्ताओं ने संवैधानिक मूल्यों की दिलाई याद

देहरादून, 24 फरवरी (हि.स.)। लोकतंत्र की मजबूती के लिए जरूरी है कि असहमति की आवाज को न सिर्फ जगह मिले बल्कि पूरा सम्मान भी मिले, लेकिन आज ऐसा नहीं हो रहा है। असहमति की जगह सिमटती जा रही है। ऐसी आवाजों को कुचलने के प्रयास किए जा रहे हैैं। इससे लोकतंत्र के सामने संकट पैदा हो गया है। यह बातें कॉ. बच्चीराम कौंसवाल स्मृति सम्मान एवं व्याख्यान कार्यक्रम में वक्ताओं ने कही।

जनसंवाद समिति उत्तराखंड की ओर से प्रेस क्लब में आयोजित सम्मान एवं व्याख्यान समारोह में जनपक्षीय पत्रकारिता के लिए स्वतंत्र पत्रकार त्रिलोचन भट्ट को स्मृति चिन्ह, शॉल और 11 हजार रुपये नकद देकर सम्मानित किया गया। उन्हें यह सम्मान स्व. बच्चीराम कौंसवाल के धर्मपत्नी जगदेश्वरी कौंसवाल, वरिष्ठ कवि व लेखक सोमवारी लाल उनियाल, वरिष्ठ पत्रकार जयसिंह रावत और सीपीएम नेता कॉ. सुरेंद्र सिंह सजवाण ने प्रदान किया।

इस अवसर पर ‘मौजूदा परिपेक्ष्य में कॉ. बच्चीराम कौंसवाल की प्रासंगिकता’ विषय पर एक व्याख्यान का भी आयोजन किया गया। मुख्य वक्ता वरिष्ठ पत्रकार जयसिंह रावत ने कॉ. कौंसवाल को जनसंघर्षों का पुरोधा, निष्पक्ष पत्रकार और योग्य शिक्षक बताया। वरिष्ठ कवि, लेखक और पत्रकार सोमवारी लाल उनियाल ने कहा कि कॉ. कौंसवाल की पुण्यतिथि पर यह महत्वपूर्ण पहल है।

उन्होंने पहला पुरस्कार त्रिलोचन भट्ट को दिए जाने को एक सकारात्मक पहल बताया। सीपीआई नेता समर भंडारी ने कहा कि कॉ. बच्चीराम कौंसवाल जानते थे कि मौजूदा दौर में हमें सांप्रदायिक ताकतों के साथ लड़ने के लिए सिर्फ राजनीतिक ही नहीं, बल्कि सांस्कृतिक मोर्चे की भी जरूरत है। इसीलिए उन्होंने जन संवाद समिति का गठन किया।

हिन्दुस्थान समाचार/कमलेश्वर शरण/रामानुज

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