नैनीताल में लगातार घट रही नये वर्ष के स्वागत के लिये सैलानियों की संख्या
नैनीताल, 01 जनवरी (हि.स.)। कुछ वर्ष पूर्व तक नैनीताल में नये वर्ष के स्वागत में मनाये जाने वाले जश्न की बात ही कुछ और थी। सप्ताह के बीच के दिनों में होने पर भी नव वर्ष मनाने के लिये सैलानी कम से कम एक दिन पहले ही पहुंच जाते थे। 31 दिसंबर को सुबह से ही सैलानियों का नैनीताल में उमड़ना प्रारंभ हो जाता है और पूरे दिन नैनी झील में नौकाओं का मेला और मॉल रोड सहित नगर के अन्य स्थानों पर रेला सा नजर आता था।
शाम को अच्छी कड़क ठंड के बावजूद नगर की करीब डेढ़ किमी लंबी मॉल रोड मानो दुनिया का सबसे लंबा-बड़ा डांसिंग फ्लोर बन जाती थी। थोड़ी-थोड़ी दूर में लाउडस्पीकर और उनके पास अलाव जलते थे। दर्जनों की संख्या में सैलानी ऐसे हर स्थान पर झुंड में नाचते-गाते हुए बीत रहे वर्ष को विदाई देते और नये वर्ष का स्वागत करते थे। अनेक होटलों के साथ अब बंद हो चुके क्लबों में भी मध्य रात्रि के बाद तक नाच-गाना होता था। नैनीताल ही नहीं आसपास के पर्यटन स्थल भी सैलानियों से भर जाते थे।
रात्रि तक सैलानियों का वाहनों से नगर में पहुंचने का सिलसिला जारी रहता था। डीएसए का फ्लैट्स मैदान वाहनों से पूरा पट जाता था। कई लोग अपने वाहनों में भी रात बिताने को मजबूर रहते थे। कई जगह हुड़दंग भी होते थे। इन स्थितियों को संयत करने के लिये पुलिस के अतिरिक्त कर्मी अन्य जिलों से तैनात किये जाते थे।
इस वर्ष स्थिति यह रही कि नगर के होटल भी नहीं भर पाये। मॉल रोड पर रेडियो से भी धीमी, सुनी भी न जा सकने वाली गति से केवल गीतों की धुनें बजीं। कुछ सैलानी अपने लाउड स्पीकर लाकर नाचते दिखे। इसके अलावा शहर में कमोबेश पूरी तरह से उत्साह नदारद और शांति दिखी। नैनीताल के साथ ही आसपास के स्थलों में भी सैलानी नहीं पहुंचे। इससे शीतकाल में सैलानियों की कम आवक के बीच इस दौरान खर्चें निकाल लेने की उम्मीद कर रहे पर्यटन व्यवसायी भी निराश से दिखे।
हिन्दुस्थान समाचार/डॉ.नवीन जोशी/रामानुज
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