न्यायालय ने रेलवे स्टेशन पर जानलेवा मारपीट मामले में प्रार्थना पत्र किया निरस्त
नैनीताल, 17 अक्टूबर (हि.स.)। जिला एवं सत्र न्यायाधीश नैनीताल सुधीर कुमार की अदालत ने जानलेवा हमले के एक आरोपित हिमांशु गुप्ता पुत्र राधेश्याम गुप्ता निवासी वार्ड नंबर 06 केशव नगर बाजपुर जिला उधमसिंह नगर का जमानत प्रार्थना पत्र निरस्त कर दिया है।
आरोपित पर भारतीय न्याय संहिता की धारा 115 (2), 352, 109(1) तथा एससी-एसटी एक्ट की धारा 3(1) (द) (घ) के तहत गंभीर आरोप हैं।
अभियोजन के अनुसार बीते माह 07 सितंबर को मुन्नी देवी नाम की अनुसूचित जाति की महिला ने थाना जीआरपी काठगोदाम में शिकायत दर्ज कराई थी कि उनके पति भीम सेन 06 सितंबर की रात लगभग 11.30 बजे रेलवे स्टेशन पर टहल रहे थे, जब हिमांशु गुप्ता ने उन्हें देखते ही गाली-गलौच और जातिसूचक शब्दों का इस्तेमाल किया और विरोध करने पास में पड़े पत्थर से भीम सेन पर हमला किया, जिससे उनके सिर और मुंह में गंभीर चोटें आईं।
घटना के दौरान अन्य रेलवे कर्मचारियों ने बीच-बचाव की कोशिश की लेकिन हिमांशु ने चाकू से उन्हें भी डराया। इस पर घायल भीम सेन को पहले सरकारी चिकित्सालय और फिर काशीपुर के सहोता अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां उनकी स्थिति अभी भी गंभीर बनी हुई है।
जिला शासकीय अधिवक्ता फौजदारी सुशील कुमार शर्मा ने जमानत प्रार्थना पत्र का विरोध करते हुए तर्क रखा कि आरोपित हिमांशु को 4 अक्टूबर को गिरफ्तार किया गया और पूछताछ के दौरान उसकी निशानदेही पर घटना में प्रयुक्त खून के निशान युक्त बांस का डंडा बरामद किया गया।
सहोता अस्पताल के चिकित्सक, डॉ. गुरूपाल सिंह ने बताया कि भीम सेन गंभीर स्थिति में अस्पताल पहुंचे थे उनके सिर पर गंभीर चोटें थीं और उनकी आंख में खून जमा था। उनकी जान को अब भी खतरा बना हुआ है। इन सभी तथ्यों को ध्यान में रखते हुए न्यायालय ने आरोपित की जमानत याचिका खारिज कर दी।
हिन्दुस्थान समाचार / डॉ. नवीन चन्द्र जोशी
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