आयुर्वेदिक टीकाकरण : 14 बच्चों का किया गया स्वर्णप्राशन संस्कार

आयुर्वेदिक टीकाकरण : 14 बच्चों का किया गया स्वर्णप्राशन संस्कार
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आयुर्वेदिक टीकाकरण : 14 बच्चों का किया गया स्वर्णप्राशन संस्कार


चम्पावत (टनकपुर), 02दिसंबर (हि.स.)। स्वर्णप्राशन संस्कार आयुर्वेदिक टीकाकरण पुष्य नक्षत्र काल में आर्य हेल्थ केयर टनकपुर में किया गया। इसमें नौनिहाल का स्वास्थ्य परीक्षण किया गया। साथ ही उन्हें खांसी जुकाम बुखार आदि रोगों की दवाई दी और स्वास्थ्य लाभ के बारे में जानकारी दी।

डॉ. मनुश्रवा आर्य ने बताया कि बच्चों को सर्दी, जुकाम, खांसी, बुखार आदि से बचाने के लिए एवं रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के लिए प्राचीन काल से ही स्वर्णप्राशन संस्कार किया जाता है। कहा कि जो बच्चे बार बार बीमार होते हैं, जिनका शारीरिक और मानसिक विकास धीरे धीरे होता है, उनके लिए स्वर्ण प्राशन अत्यंत उपयोगी है। यह बल वर्धक, बुद्धिवर्धक, कांतिवर्धक होता है। जन्म से सोलह वर्ष तक की आयु के बच्चों को स्वर्ण प्राशन दिया जाता है। हिन्दू धर्म के सोलह संस्कारों में स्वर्ण प्राशन संस्कार का विशेष महत्व है। इसे पुष्य नक्षत्र काल में देना अत्यंत लाभकारी होता है। बताया कि आर्य हेल्थ केयर में 14 बच्चों को स्वर्ण प्राशन ड्रॉप्स निः शुल्क दिया गया।

हिन्दुस्थान समाचार/राजीव मुरारी/रामानुज

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