राज्य स्थापना दिवस: ''केदारखंड से मानसखंड'' झांकी में राज्य की दिखी संस्कृति
देहरादून, 09 नवम्बर (हि.स.)। राज्य स्थापना दिवस पर आयोजित मुख्य कार्यक्रम में केदारखंड से मानसखंड’’ झांकी के माध्यम से राज्य के प्रमुख धार्मिक स्थलों, समृद्ध सांस्कृतिक विरासत, जैव विविधता, हिमाच्छादित उच्च पर्वत श्रृंखलाओं की समग्रता से परिचित कराने का प्रयास किया गया।
राज्य स्थापना दिवस पर पुलिस लाइन देहरादून में आयोजित कार्यक्रम में विभागों की ओर से प्रदर्शित झांकियों के माध्यम से राज्य के समग्र विकास एवं नैसर्गिक प्राकृतिक सौंदर्य, जैवविविधता, धार्मिक, अध्यात्म के साथ साहसिक पर्यटन गतिविधियों की जानकारी उपलब्ध करायी गई।
सूचना एवं लोक सम्पर्क विभाग की ओर से प्रदर्शित ‘‘केदारखंड से मानसखंड’’ झांकी के माध्यम से राज्य के प्रमुख धार्मिक स्थलों, समृद्ध सांस्कृतिक विरासत, जैव विविधता, हिमाच्छादित उच्च पर्वत श्रृंखलाओं की समग्रता से परिचित कराने का प्रयास किया गया।
महानिदेशक सूचना बंशीधर तिवारी ने बताया कि मुख्यमंत्री धामी के मार्गदर्शन के उपरान्त मानसखंड पर आधारित झांकी इस वर्ष गणतंत्र दिवस के अवसर पर प्रदर्शित की गई, जिसे प्रथम स्थान प्राप्त हुआ।
केदारनाथ और बदरीनाथ की तर्ज पर कुमाऊं के पौराणिक मंदिरों के लिए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देश पर मानसखंड मंदिर माला मिशन योजना पर काम किया जा रहा है। इसमें इन प्रमुख मंदिरों का विकास होना है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री धामी के विजन के अनुसार पहले चरण में जागेश्वर महादेव के साथ करीब 2 दर्जन से अधिक मंदिरों को इसमें शामिल किया गया है।
महानिदेशक सूचना ने कहा कि सदियों से उत्तराखंड की देश-दुनिया में देवभूमि के रूप में अपनी विशिष्ट पहचान रही है। गढ़वाल क्षेत्र के बदरीनाथ, केदारनाथ, गंगोत्री यमुनोत्री के साथ अन्य मंदिरों का वर्णन जहां केदारखंड में वर्णित है वहीं मानसखंड के अंतर्गत कुमाऊं क्षेत्र के जागेश्वर बागेश्वर सहित अन्य मंदिर समूह राज्य को देवभूमि बनाते हैं। इसके साथ ही हिमालय की चोटियों में स्थित ऊं पर्वत आदि कैलाश पार्वती कुण्ड इसकी दिव्यता को विशिष्ट पहचान दिलाते हैं। इसके अतिरिक्त कॉर्बेट नेशनल पार्क, राजाजी नेशनल पार्क सहित अन्य अभयारण्य समृद्ध जैव विविधता से भी परिचित कराते है। इन विषयों को झांकी में शामिल किये जाने का प्रयास किया गया है।
उन्होंने कहा कि राज्य सरकार का विश्व प्रसिद्ध चारधाम की तर्ज पर कुमाऊं में मानसखंड मंदिर माला परियोजना प्रारंभ की गयी है। इसके तहत जागेश्वर धाम का मास्टर प्लान तैयार किया गया है। इस परियोजना के तहत कुमाऊं मण्डल के महत्वपूर्ण पौराणिक/ऐतिहासिक स्थलों को सर्किट से परस्पर जोड़कर लोकप्रियता प्रदान की जायेगी ताकि देश-विदेश से तीर्थयात्री/पर्यटकों को यहां आने हेतु आकर्षित किया जा सके और उनकी यात्रा सुगम बनायी जा सके।
विभाग की ओर से प्रस्तुत झांकी ‘‘केदारखंड से मानसखंड’’ की परिकल्पना एवं प्रस्तुतीकरण संयुक्त निदेशक कलम सिंह चौहान के नेतृत्व में किया गया।
हिन्दुस्थान समाचार/राजेश
/रामानुज
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