अंतरराष्ट्रीय संगोष्ठी में राज्यपाल बोले- भारतीय संस्कृति और भगवान महावीर के दर्शन में विश्व की सभी समस्याओं का समाधान
- विश्व शांति केंद्र की परिचय पुस्तिका का लोकार्पण
देहरादून, 09 जुलाई (हि.स.)। उत्तराखंड राजभवन के ऑडिटोरियम में मंगलवार को भगवान महावीर के 2550 निर्वाण वर्ष एवं अहिंसा विश्व भारती संस्था के स्थापना दिवस पर ‘भारतीय संस्कृति एवं महावीर दर्शन में वैश्विक समस्याओं का समाधान’ विषयक अंतरराष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन किया गया। संगोष्ठी का शुभारंभ राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (से.नि.) ने किया। साथ ही विश्व शांति केंद्र की परिचय पुस्तिका का लोकार्पण भी किया।
राज्यपाल ने कहा कि भगवान महावीर की शिक्षाएं तत्कालीन समय में जितनी उपयोगी थी, उससे अधिक मौजूदा समय में प्रासंगिक हैं। उनके अहिंसा, अनेकांत, अपरिग्रह दर्शन में अनेक वैश्विक समस्याओं का समाधान है। उन्होंने कहा कि वर्तमान में पूरा विश्व युद्ध और हिंसा, ग्लोबल वार्मिंग, पर्यावरण प्रदूषण, बीमारियों और अवसाद जैसी समस्याओं का सामना कर रहा है। ऐसे में जब विश्व के समक्ष बहुत सी चुनौतियां हैं तो भारतीय संस्कृति और भगवान महावीर के दर्शन में इन सभी समस्याओं का समाधान निहित है। राज्यपाल ने कहा कि भगवान महावीर के बताए मार्ग पर चलते हुए आचार्य लोकेश पूरी दुनिया में उनकी शिक्षाओं और भारतीय संस्कृति के प्रचार-प्रसार के लिए निरंतर प्रयत्न कर रहे हैं। इसी क्रम में इस वर्ष कनाडा और ब्रिटेन की पार्लियामेंट एवं कैलिफोर्निया की असेंबली में आचार्य लोकेश की उपस्थिति में भगवान महावीर के 2550वें निर्वाण वर्ष के कार्यक्रम आयोजित हुए।
जैन आचार्य लोकेश ने कहा कि आज से हजारों वर्ष पूर्व भगवान महावीर ने षट्जीविकाय का सिद्धांत दिया, जो जलवायु परिवर्तन और पर्यावरण असंतुलन की समस्याओं का समाधान कर सकता है और पीस एजुकेशन जैसे कार्यक्रमों से हिंसा के मूल कारण को खत्म किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि भारत का पहला विश्व शांति केंद्र भगवान महावीर के सिद्धांतों पर आधारित होगा।
भारत के लिए विश्व एक परिवार, महावीर की शिक्षाओं से ही विश्व में शांति-सद्भावना संभव
पतंजलि के आचार्य बाल कृष्ण ने कहा कि भारतीय संस्कृति ने ‘वसुधैव कुटुंबकम’ एवं ‘सर्वे भवन्तु सुखिनः सर्वे संतुः निरामया’ का संदेश पूरी दुनिया को दिया। किसी के लिए कोई देश एक बाजार हो सकता है, पर भारत के लिए विश्व एक परिवार है। बौद्ध भिक्षु दीपांकर सुमेधों ने कहा कि अहिंसा, दया, करुणा, मानवता, के मूल्यों को अपनाने की, उनको अपने जीवन में उतारने की और क्रियान्वित करने की आवश्यकता है। महावीर की शिक्षाओं से ही विश्व में शांति-सद्भावना संभव है।
कार्यक्रम का संचालन कर्नल टीपी त्यागी एवं केनु अग्रवाल ने किया। तारकेश्वर मिश्रा ने धन्यवाद ज्ञापन किया। कार्यक्रम के सफल आयोजन में अमेरिकी राष्ट्रपति के सलाहकार अजय भूतोरिया, कार्यक्रम समन्वयक सतीश अग्रवाल, प्रेम प्रकाश गुप्ता, विनीत शर्मा सहित अनेकों लोग थे। समाप्त
हिन्दुस्थान समाचार / कमलेश्वर शरण / प्रभात मिश्रा
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