त्याग करके श्रीराम बने मर्यादा पुरुषोत्तम
नैनीताल, 01 जनवरी (हि.स.)। नगर के मल्लीताल स्थित गोवर्धन संकीर्तन सभा के समिति भवन मल्लीताल नैनीताल में गत 28 दिसंबर से आयोजित हो रहे श्रीमद्भागवत महापुराण ज्ञान यज्ञ में आचार्य भगवती प्रसाद जोशी विस्तार पूर्वक धर्म कथा सुना रहे हैं।
कथा व्यास आचार्य जोशी ने मंथन समुद्र मंथन, गज और ग्राह्य, भगवान विष्णु के दशावतार, खासकर बामन अवतार में दानवीर राजा बलि, त्रेता युग में सूर्य वंश के मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम की कथा के गूढ़ रहस्यों कि जानकारी दी।
उन्होंने कहा कि समाज में हमेशा त्याग करने वाला सबसे महान होता हैं। उन्होंने दो त्याग करने वाले राजाओं राजा हरिश्चन्द्र और श्रीराम के त्याग पर विस्तार पूर्वक प्रकाश डाला। कहा कि श्रीराम ने बनवासी राम बनकर के अहिल्या, केवट, जटायु, शबरी, बाली, सुग्रीव व विभीषण का उद्धार किया। तब जाकर वह मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्रीराम कहलाये।
उन्होंने बताया कि पृथ्वी कि रक्षा का भार उतारने के लिए और यदुवंशियों की रक्षा करने के लिए हरि ने कृष्ण के रूप में जन्म लिया। इस ज्ञान यज्ञ को सफल बनाने में मुख्य आयोजक चंद्रशेखर ‘पप्पन’ जोशी, आचार्य राजेंद्र पाण्डे, ब्रह्म मंडली में रमेश कांडपाल, घनश्याम, रमेश कोटिया, पवन जोशी, मोहित बुडलाकोटी, बृजमोहन जोशी व विमल चौधरी आदि भी सहयोग कर रहे हैं।
हिन्दुस्थान समाचार/डॉ.नवीन जोशी/रामानुज
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