संत समाज ने दी ब्रह्मलीन स्वामी सत्यमित्रानंद गिरी को श्रद्धांजलि
हरिद्वार, 30 जून(हि. स.)। सुप्रसिद्ध भारत माता मंदिर के संस्थापक ब्रह्मलीन महामंडलेश्वर स्वामी सत्यमित्रानंद गिरी महाराज की पांचवीं पुण्यतिथी पर सभी तेरह अखाड़ों के संत महापुरुषों ने उनका भावपूर्ण स्मरण करते हुए श्रद्धा सुमन अर्पित किए।
भारत माता जनहित ट्रस्ट के तत्वावधान में आयोजित श्रद्धांजलि सभा में कैबिनेट मंत्री प्रेमचंद्र अग्रवाल शामिल हुए। उन्होंने कहा कि ब्रह्मलीन महामंडलेश्वर स्वामी सत्यमित्रानंद गिरी त्याग, तपस्या और सेवा की साक्षात की प्रतिमूर्ति थे। भारतीय धर्म संस्कृति की पताका को पूरे विश्व में फहराने में उनका अतुलनीय योगदान सदैव स्मरणीय रहेगा।
कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए जूना पीठाधीश्वर आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी अवधेशानंद गिरी महाराज ने कहा कि गुरु परमात्मा का ही स्वरूप है। पूज्य गुरुदेव ब्रह्मलीन स्वामी सत्यमित्रानंद गिरी महाराज उच्चकोटि के संत थे। गुरु परंपराओं को आगे बढ़ाते हुए उनके अधूरे कार्यों को पूरा करना ही उनके जीवन का मुख्य उद्देश्य है। युवा संतों को पूज्य गुरुदेव ब्रह्मलीन स्वामी सत्यमित्रानंद गिरी महाराज के त्यागमयी जीवन से प्रेरणा लेनी चाहिए।
जयराम पीठाधीश्वर स्वामी ब्रह्मस्वरूप ब्रह्मचारी महाराज, महामंडलेश्वर स्वामी ललितानंद गिरी, महामंलेडश्वर स्वामी यतिंद्रानंद गिरी, भारत माता जनहित ट्रस्ट के सचिव आईडी शर्मा ने ब्रह्मलीन स्वामी जी को विद्वान तथा तपस्वी संत बताया। कार्यक्रम का संचालन महामंडलेश्वर स्वामी हरिचेतनानंद ने किया।
इस अवसर पर स्वामी अखिलेशानंद, स्वामी ऋषिश्वरानंद, स्वामी देवानंद, स्वामी रविदेव शास्त्री, महंत सूरजदास, महंत राजेंद्रदास, महंत मोहन सिंह, विधायक मदन कौशिक, विधायक रवि बहादुर, निवृत पार्षद अनिरुद्ध भाटी, संघ नेता पदम सिंह, डाॅ. विशाल गर्ग, भजन गायक सुधीर, मधुर शर्मा, प्रधान गीतांजलि जखमोला, मनोज जखमोला सहित बड़ी संख्या में संत व श्रद्धालु मौजूद रहे।
हिन्दुस्थानसमाचार/रजनीकांत/सत्यवान/वीरेन्द्र
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