देवभूमि का आध्यात्मिक स्वरूप बिगड़ने पर उत्तराखंड के संत चिंतित
देहरादून, 24 फरवरी (हि.स.)। हिंदू रक्षा सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष महामंडलेश्वर स्वामी प्रबोधानंद गिरि महाराज ने देवभूमि का आध्यात्मिक स्वरूप बिगड़ने पर चिंता प्रकट की। उन्होंने कहा कि निरंतर देवभूमि के स्वरूप को बिगाड़ने में नेताओं की उदासीनता प्रमुख कारण है।
देहरादून प्रेस क्लब में शनिवार को हिन्दुस्थान समाचार से बातचीत के दौरान महामंडलेश्वर स्वामी प्रबोधानंद गिरि महाराज ने कहा कि देवभूमि के आध्यात्मिक स्वरूप को बचाने के लिए उत्तराखंड के संत चिंतित हैं। उत्तराखंड में निरंतर लव जिहाद, लैंड जिहाद, धर्म परिवर्तन, सीमाओं पर देशद्रोही गतिविधियां आदि घटनाएं निरंतर बढ़ रही है। उत्तराखंड को बचाने के लिए उत्तराखंड में मजबूत सक्रिय, तुष्टिकरण रहित, सनातन परंपरा युक्त संत नेतृत्व की आवश्यकता है।
भारत साधु समाज के अध्यक्ष बाबा हठयोगी ने कहा कि देवभूमि बचाना संतों का प्रथम धर्म है। देवभूमि बचाने के लिए देवभूमि का द्वार हरिद्वार संसदीय क्षेत्र का नेतृत्व भारतीय सनातन संस्कृति का स्थानीय संत करें। देवभूमि को तथा उसके आध्यात्मिक एवं धार्मिक स्वस्प को बचाया जाना अतिआवश्यक है। बाबा हठयोगी ने कहा कि देवभूमि के वास्तविक स्वरूप को बचाने के लिए कोई स्थानीय संघर्षशील सनातनी, जनता की पीड़ा को महसूस करने वाले संत को भारतीय जनता पार्टी हरिद्वार लोकसभा का प्रत्याशी बनाए।
हिन्दुस्थान समाचार/कमलेश्वर शरण/प्रभात
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