साधु-संतों और शिक्षाविदों ने श्री सेम मुखेम नागराज की आरती और स्तोत्र पुस्तक का किया विमोचन
ऋषिकेश, 15 अप्रैल (हि.स.)। देवभूमि उत्तराखंड में त्रिवेणी घाट पर साधू संतों और शिक्षाविदों सहित प्रकृति और संस्कृति के चिंतकों ने संयुक्त रूप से पांचवें धाम के नाम से विख्यात श्री सेम मुखेम नागराज की आरती और स्तोत्र पुस्तक का विमोचन किया। ग्रीन मॉडल स्कूल के संस्थापक चिन्तक डॉ. वीरेन्द्र रावत ने श्री सेम नागराज की आरती और स्तोत्र की अनुपम रचना की है।
कार्यक्रम का उद्घाटन श्री कृष्णायन देशी गौ रक्षाशाला के संस्थापक महामण्डलेश्वर स्वामी ईश्वर दास महाराज और ज्योतिष्पीठाधीश्वर जगद्गुरु शंकराचार्य ब्रह्मलीन स्वामी माधवाश्रम के शिष्य केशव स्वरूप ब्रह्मचारी और डॉ. वीरेन्द्र रावत, सेम नागराज रावल और डॉ नरेंद्र सेमवाल ने संयुक्त रूप से दीप प्रज्वलित कर किया।
इस अवसर पर हजारों निराश्रित गौमाता सहित गौवंश का संरक्षण करने वाली श्री कृष्णायन देशी गौ रक्षाशाला के संस्थापक महा मण्डलेश्वर स्वामी ईश्वर दास ने कहा कि श्री सेमनागराज कृष्ण के अवतार हैं और कलियुग में कृष्णभक्ति का सरल उपाय है कि गायों की सेवा की जाए। उन्होंने कहा कि गौसेवा ही गोपाल सेवा है। ब्रह्मचारी केशव स्वरूप महाराज ने कहा कि पूरे विश्व में एक मात्र उत्तराखंड को ही देवभूमि कहा गया है। यहां संस्कृति और प्रकृति के संरक्षण की भावना को युवाओं में जागृत करना होगा। यह कार्य केवल देवभूमि की मातृ शक्ति ही कर सकती है।
सेमनागराज उपासक डॉ वीरेन्द्र रावत ने बताया कि सेम मुखेम टिहरी गढ़वाल स्थित श्री सेमनागराज भगवान का मन्दिर श्री कृष्ण जी के अवतार की भूमि है। डॉ. नरेंद्र सेमवाल कहा कि श्री नागराज मधुर छन्द, स्तोत्र और आरती के विमोचन से उत्तराखंड की धरती पर आध्यात्मिक जागृति की दिशा में एक और सार्थक प्रयास की पहल हुई है। यह संस्कृति के संरक्षण में मददगार साबित होगी।
कार्यक्रम के संयोजक एवं शिक्षा संस्कृति उत्थान न्यास के प्रान्त पर्यावरण प्रमुख पर्यावरणविद् विनोद जुगलान के आह्वान पर प्रबुद्ध वर्ग, सामाजिक कार्यकर्ताओं सहित दूरदराज से आये सामाजिक चिन्तक उपस्थित रहे।
इस अवसर पर जिला निर्वाचन अधिकारी के प्रतिनिधि के रूप में जिला गंगा सुरक्षा समिति के जिला परियोजना अधिकारी रविकान्त पाण्डेय, पूर्व एडीओ पंचायत ओम शर्मा, धीरेंद्र रांगड़, टीएचडीसी के वरिष्ठ प्रबन्धक अनूप ध्यानी, धीरेंद्र सेमवाल, जिला गंगासुरक्षा समिति के सदस्य डॉ. दीपक तायल, अनिल चंदोला, आचार्य सौरभ सेमवाल, आचार्य नीतीश खण्डूरी, ममता रमोला, आशा जोशी, आरती अमोली, लक्ष्मी गुसाईं प्रमुख रूप से उपस्थित रहे। कार्यक्रम का संचालन डॉ. सुनील थपलियाल आदि ने संयुक्त रूप से किया।
हिन्दुस्थान समाचार /विक्रम/सत्यवान/रामानुज
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