राम और राष्ट्रवाद का विरोध करना कांग्रेस की फितरत: मनवीर चौहान
-मुख्यमंत्री धामी का आरएसएस की गतिविधियों में भागीदारी करने का निर्णय स्वागतयोग्य कदम
देहरादून, 6 सितंबर (हि.स.)। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के प्रदेश मीडिया प्रभारी मनवीर सिंह चौहान ने कहा कि राष्ट्रभक्त और सांस्कृतिक पुनरोत्थान समर्थकों का विरोध करना कांग्रेस की फितरत है। कांग्रेस राम और राष्ट्रवाद का हमेशा विरोध करती रही है और इसी कारण वह राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के कार्यक्रमों में सरकारी कर्मियों की भागीदारी पर सवाल उठा रही है। कांग्रेस का ऐसा व्यवहार राष्ट्रवादी जनता माफ नही करेगी।
भाजपा प्रदेश मीडिया प्रभारी मनवीर चौहान ने शुक्रवार को यहां एक बयानजारी कर कहा कि आरएसएस की गतिविधियों में राज्य सरकार कर्मचारियों पर लगी रोक हटने पर मुख्यमंत्री धामी का आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि यह केन्द्र और राज्य का यह ऐतिहासिक निर्णय देवभूमि के सांस्कृतिक, सामाजिक उत्थान एवं विकास की कोशिश को मजबूती देगा। उन्होंने कांग्रेस की आपत्तियों पर पलटवार करते हुए कहा कि उन्हें संघ के योगदान को राहुल गांधी के पुराने संसदीय क्षेत्र वायनाड के आपदा प्रभावितों से समझना चाहिए, क्योंकि राहुल गांधी और कांग्रेसी प्रभावितों के बीच से नदारद रहे और संघ के स्वयंसेवकों ने पीड़ितों के बीच शानदार काम किया है।
मनवीर चौहान ने कहा कि 58 साल पहले 1966 में एक असंवैधानिक आदेश जारी किया गया था, जिसमें सरकारी कर्मचारियों के राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की गतिविधियों में भाग लेने पर प्रतिबंध लगाया गया था। पहले मोदी सरकार और अब धामी सरकार ने एक राष्ट्रभक्त संस्था से जुड़ने पर लगी असंवैधानिक रोक को हमेशा के लिए समाप्त कर दिया है। देश की तरह प्रदेश में भी इस निर्णय के बाद उत्साह का माहौल है। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ गत 99 वर्षों से सतत राष्ट्र के पुनर्निर्माण एवं समाज की सेवा में समर्पित है। राजनीतिक स्वार्थों के चलते तत्कालीन इंदिरा सरकार की ओर से शासकीय कर्मचारियों को संघ जैसे रचनात्मक संगठन की गतिविधियों में भाग लेने के लिए निराधार रूप से प्रतिबंधित किया था। जिसमें 1970 और 1980 में तत्कालीन कांग्रेस शासन ने और अधिक कड़ा किया। ऐसे में वर्तमान सरकारों का निर्णय समुचित है और भारत की लोकतांत्रिक व्यवस्था को पुष्ट करने वाला है।
मनवीर सिंह चौहान ने कांग्रेस समेत तमाम विपक्ष की आपत्तियों को सिरे से खारिज करते हुए कहा कि राष्ट्र और राम विरोधी पार्टियों के समर्थन की उम्मीद बेमानी है। साथ ही उन्होंने राज्य के स्थानीय कांग्रेस नेताओं से पर कटाक्ष किया। उन्होंने कहा कि उन्हें विरोध करने से पहले कम से कम उत्तरकाशी, केदारनाथ,मालपा,कोविड आदि तमाम प्राकृतिक आपदाओं और देवभूमि के सनातन व सांस्कृतिक पुनरुत्थान में संघ के अद्वितीय योगदान का स्मरण करना चाहिए। उन्होंने सलाह देते हुए कहा कि उन्हें अपने केंद्रीय नेतृत्व से पूछना चाहिए,हाल में उनके पुराने संसदीय क्षेत्र वायानाड की जनता विकट प्राकृतिक आपदा से त्रस्त थी तो वे कहां थे। लेकिन आरएसएस के कार्यकर्ता वहां आपदा से जूझ रहे लोगों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर बचाव कार्यों को अंजाम दे रहे थे। संघ आज भी वहां प्रभावित लोगों के पुनर्वास को लेकर लगातार कार्य कर रहा है।
हिन्दुस्थान समाचार / राजेश कुमार
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