उत्तराखंड : बढ़ता तापमान वन विभाग के लिए खतरे की घंटी, मौसम ने बढ़ाई चिंता

उत्तराखंड : बढ़ता तापमान वन विभाग के लिए खतरे की घंटी, मौसम ने बढ़ाई चिंता
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उत्तराखंड : बढ़ता तापमान वन विभाग के लिए खतरे की घंटी, मौसम ने बढ़ाई चिंता


- प्रदेश भर में एक बार फिर धीरे-धीरे वृद्धि कर रहा तापमान, बनेगा मुसीबत

- मौसम विभाग ने किया अलर्ट, वनाग्नि रोकने के लिए कड़ी नजर रखने को कहा

देहरादून, 15 मई (हि.स.)। उत्तराखंड में तापमान एक बार फिर धीरे-धीरे वृद्धि कर रहा है, जो वन विभाग के लिए मुसीबत बनेगा। बढ़ता तापमान वनाग्नि को लेकर खतरे की घंटी है। मौसम विभाग ने भी बढ़ते तापमान को लेकर अलर्ट किया है। मौसम विभाग ने कहा है कि अधिक तापमान वाले जिलों में वनाग्नि की घटनाएं होने या फिर इसकी संख्या बढ़ सकती है। ऐसे में वनाग्नि की रोकथाम के लिए कड़ी नजर रखने के साथ पर्याप्त उपाय करने को कहा है।

उत्तराखंड में पर्वतीय जिलों में जंगलों की आग बड़ी चिंता का सबक बना हुआ है। वन विभाग की परेशानी ये भी है कि मौसम फॉरेस्ट फायर के लिहाज से महकमे का साथ नहीं दे रहा है। पर्वतीय जिलों में बारिश की कमी के कारण नमी नहीं मिल पा रही है। इससे जंगलों में आग की घटनाओं की संभावनाएं बढ़ गई है। हालांकि इन स्थितियों से निपटने के लिए वन विभाग कई तरह के प्रयास करने का दावा कर रहा है। लोगों की सहभागिता बढ़ाने के लिए भी कोशिश चल रही है।

अब तक हुईं 1065 आग की घटनाएं, 1439.448 हेक्टेयर वन प्रभावित-

फिलहाल वनाग्नि एवं आपदा प्रबंधन उत्तराखंड के अपर मुख्य वन संरक्षक निशांत वर्मा के अनुसार एक नवंबर 2023 से 14 मई 2024 तक कुल 1065 आग की घटनाएं हुई हैं। इसमें गढ़वाल में 402 व कुमाऊं में 574 तो वन्यजीव में 89 घटनाएं हुई हैं। आगजनी में 1439.448 हेक्टेयर वन प्रभावित हुए हैं।

हिन्दुस्थान समाचार/कमलेश्वर शरण/रामानुज

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