पन्द्रह दिन में सभी विभागों की परियोजनाओं का अपडेट पोर्टल में दर्ज हो: मुख्यमंत्री

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पन्द्रह दिन में सभी विभागों की परियोजनाओं का अपडेट पोर्टल में दर्ज हो: मुख्यमंत्री


-केन्द्र और राज्य सरकार की फ्लैगशिप स्कीम को डैशबोर्ड में अनिवार्य रूप से दर्शाएं

-अब मुख्यमंत्री सीएम डैशबोर्ड का भी हर माह करेंगे समीक्षा

देहरादून, 12 अगस्त (हि.स.)। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सभी विभागों को सीएम डैशबोर्ड से जोड़ने के निर्देश देते हुए कहा कि 15 दिन में परियोजनाओं का अपडेट पोर्टल में दर्ज कर लिया जाए। प्रत्येक माह की 07 तारीख तक विभागों को पिछले माह का डाटा अपलोड करना होगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि सीएम हेल्पलाइन 1905 के साथ ही वे सीएम डैशबोर्ड की भी हर माह समीक्षा करेंगे।

सोमवार को सचिवालय में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सीएम डैशबोर्ड ‘दर्पण 2.0’ की समीक्षा की। इस दौरान मुख्यमंत्री ने कहा कि सीएम डैशबोर्ड का मुख्य उद्देश्य जन समस्याओं का समाधान करना है। इस डैशबोर्ड के माध्यम से जन समस्याओं के समाधान के लिए विभागों की ओर से समस्याओं को चिन्हित कर उनका समाधान निकाला जाए। उन्होंने अधिकारियों को सभी विभागों की गतिमान परियोजनाओं का डाटा भी अपलोड करवाने के निर्देश दिए।

मुख्यमंत्री ने कहा कि सभी सचिव अपने-अपने विभाग की प्रत्येक माह सीएम डैशबार्ड संबंधी बैठक करें। यह सुनिश्चित किया जाए कि जो भी पोर्टल बनाये जा रहे हैं, वे यूजर फ्रैंडली हों। डैशबोर्ड में डाटा का प्रस्तुतीकरण बेहतर तरीके से किया जाए। उन्होंने कहा कि गरीबों के कल्याण, युवाओं के कल्याण, अन्नदाताओं और नारी सशक्तीकरण की दिशा में तेजी से कार्य किये जाएं। संबंधित विभागों की ओर से इन क्षेत्रों में किये जा रहे कार्यों का परिणाम धरातल पर दिखे। मुख्यमंत्री ने कहा कि केन्द्र और राज्य सरकार की फ्लैगशिप स्कीम को डैशबोर्ड में अनिवार्य रूप से दर्शाया जाए।

मुख्यमंत्री ने पीएम गतिशक्ति उत्तराखण्ड पोर्टल में 05 करोड़ से अधिक धनराशि की सभी परियोजनाओं को दर्शाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि सीएम डैशबोर्ड के साथ ही डीएम डैशबोर्ड को भी धरातल पर लाया जाए।

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में युवाओं को रोजगार से जोड़ने के लिए निरंतर प्रयास किये जाएं। रोजगार और स्वरोजगार से जुड़े विभाग आपसी समन्वय के साथ कार्यशाला का आयोजन करें, जिसमें विषय विशेषज्ञों को भी शामिल किया जाए। उन्होंने कहा कि उच्च शिक्षा के साथ हमें विद्यार्थियों को व्यावसायिक शिक्षा और कौशल विकास से जोड़ना होगा। उच्च शिक्षण संस्थानों, मेडिकल कॉलेजों और तकनीकि शिक्षा में प्लेसमेंट सेल के साथ ही विद्यार्थियों के लिए गाइडेंस और काउंसलिंग की व्यवस्था भी सुनिश्चित की जाए। इस तरह की कारगर व्यवस्था बनाई जाए कि उच्च शिक्षा के दौरान कितने अभ्यर्थियों ने प्लेसमेंट के लिए आवेदन किया और कितनों को नौकरी मिली। युवाओं के स्किल डेवलपमेंट पर विशेष ध्यान दिया जाए।

बैठक में उपाध्यक्ष अवस्थापना अनुश्रवण समिति विश्वास डाबर, मुख्य सचिव राधा रतूड़ी, प्रमुख सचिव आर. के सुधांशु, एल. फैनई, विशेष प्रमुख सचिव अमित सिन्हा, प्रमुख वनसंरक्षक डॉ. धनंजय मोहन, सचिव आर.मीनाक्षी सुदंरम, शैलेश बगोली, नितेश झा, राधिका झा, दिलीप जावलकर, डॉ. बी.वी.आर.सी पुरूषोत्तम एवं अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।

हिन्दुस्थान समाचार / राजेश कुमार / वीरेन्द्र सिंह

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