पूर्व न्यायमूर्ति पंत बोले, दैनिक कार्यों में हिन्दी का प्रचार-प्रसार करें और अपनी आने वाली पीढ़ी को हिंदी सीखने के लिए प्रेरित करें :
नैनीताल, 11 जनवरी (हि.स.)। विश्व हिन्दी दिवस के उपलक्ष्य में स्थानीय एरीज यानी आर्यभट्ट प्रेक्षण विज्ञान शोध संस्थान में ‘भारत का संविधान और हिन्दी’ विषय पर एक कार्यक्रम आयोजित किया गया।
कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में उत्तराखंड उच्च न्यायालय एवं सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश एवं मेघालय के मुख्य न्यायाधीश रहे सेवानिवृत्त न्यायमूर्ति प्रफुल्ल चंद्र पंत ने आह्वान किया कि सभी देशवासी अपने दैनिक कार्यों में हिन्दी का प्रचार-प्रसार करें और अपनी आने वाली पीढ़ी को भी हिन्दी को सीखने के लिए प्रेरित करें।
उन्होंने भारतीय संविधान में वर्णित राजभाषा के अनुच्छेदों के विषय में विस्तार से चर्चा की। साथ ही उन्होंने संविधान सभा के इतिहास और उनके राजभाषा को संविधान में शामिल करने के प्रयासों पर विस्तार से जानकारी दी।
इस अवसर संस्थान के निदेशक प्रोफेसर दीपांकर बनर्जी ने एरीज में हिन्दी के कार्यों के बारे में न्यायमूर्ति पंत को अवगत कराया एवं उनका अभिनंदन किया। संस्थान के वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ. बृजेश कुमार एवं डॉ. मनीष नाजा ने संस्थान की वैज्ञानिक गतिविधियों के बारे में पूर्व न्यायमूर्ति पंत को बताया। इस कार्यक्रम में नगर राजभाषा कार्यान्वयन समिति हल्द्वानी के तत्वाधान में भारत सरकार के 43 कार्यालयों के अधिकारी ऑनलाइन माध्यम से जुड़े। रजिस्ट्रार रजनीश मिश्र ने सभी मेहमानों का कार्यक्रम में जुड़ने के लिए आभार व्यक्त किया जबकि कार्यक्रम का संचालन एरीज के मोहित जोशी ने किया।
हिन्दुस्थान समाचार/डॉ.नवीन जोशी/रामानुज
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