प्राइवेट स्कूलों की मनमानी पर बरसे नेता प्रतिपक्ष, कहा– शिक्षा बन गई है व्यापार

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प्राइवेट स्कूलों की मनमानी पर बरसे नेता प्रतिपक्ष, कहा– शिक्षा बन गई है व्यापार


देहरादून, 5 अप्रैल (हि.स.)। नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य ने निजी स्कूलों की मनमानी पर कड़ा प्रहार करते हुए कहा कि कॉपी, किताब और यूनिफॉर्म की आड़ में प्राइवेट स्कूल मोटा मुनाफा कमा रहे हैं। उन्होंने सरकार पर आरोप लगाया कि वह इस लूट पर तमाशबीन बनी हुई है और शिक्षा विभाग कार्रवाई के नाम पर पूरी तरह विफल साबित हो रहा है।

यशपाल आर्य ने कहा कि स्कूल वाले हर दो-तीन साल में बुक और उसके पब्लिशर्स बदल देते हैं ताकि बड़े भाई-बहनों की किताबों का इस्तेमाल ना हो सके और अभिभावकों को मजबूरन किताबें खरीदनी पड़े। उन्हाेंने कहा कि मनमाने दामों पर किताब, कॉपी और ड्रेस बेच कमिशन कमाने वाले स्कूल माफियाओ पर सरकार क्यों मौन है ? इस बात की जांच होनी चाहिए कि प्राइवेट स्कूल बच्चे को किस कीमत पर किताब दे रहे हैं और सरकारी स्कूल में वही किताब किस दर पर मिलती है। नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि सरकारी स्कूल में शिक्षक नहीं है, इसलिए आम गरीब को मजबूरी में प्राइवेट स्कूलों में जाना पड़ता है।

शिक्षा इतनी महंगी हो गई है कि आम गरीब को कर्जा लेकर अपने बच्चों को पढ़ाना पड़ता है। बच्चों को स्कूल से ही महंगी कॉपी, किताबें, यूनिफार्म इत्यादि खरीदने के लिए बोला जाता है। उन्होंने कहा कि सरकार इस लूट पर चुप्पी साधे हुई है, इसलिए शिक्षा पूरी तरह से व्यापार बन गई है। नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि सरकार को ये सुनिश्चित करना चाहिए की शिक्षा व्यवस्था का मूल उद्देश्य बच्चों को सस्ती, सुलभ और गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करना होना चाहिए, न कि उनके अभिभावकों पर आर्थिक दबाव डालना ! यह जरूरी है कि किताबों के बाजार में पारदर्शिता और न्याय सुनिश्चित किया जाए।

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हिन्दुस्थान समाचार / Vinod Pokhriyal

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