उत्तराखंड में ट्रैकिंग टूरिज्म को बढ़ावा देने की तैयारी, प्राचीनकाल के चारधाम यात्रा ट्रैक फिर से विकसित करेगी सरकार
- 5120 वर्ष पुरानी है उत्तराखंड की प्राचीन चारधाम पैदल यात्रा
- चट्टियों-पड़ावों की तलाश शुरू, फिर से आबाद होंगे पर्यटक व तीर्थस्थल
देहरादून, 10 अगस्त (हि.स.)। प्रदेश की धामी सरकार प्राचीनकाल में उत्तराखंड के चारधाम यात्रा पैदल मार्ग को फिर से विकसित करेगी, जिससे राज्य में ट्रैकिंग टूरिज्म को बढ़ावा दिया जा सके। इसके लिए सरकार की ओर से योजना तैयार की गई है।
शुक्रवार को तीर्थनगरी पहुंचे पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज ने बताया कि उत्तराखंड की प्राचीन चारधाम पैदल यात्रा 5120 वर्ष पुरानी है। राज्य सरकार ने चारधाम यात्रा ट्रैक को फिर से विकसित करने का निर्णय लिया है। योजना के तहत मार्ग में पड़ने वाली चट्टियों, पड़ावों की तलाश का कार्य शुरू किया जा चुका है। इस योजना के क्रियान्वयन से प्राचीन मार्ग पर पड़ने वाले पर्यटक व तीर्थस्थल, मठ-मंदिर फिर से आबाद होंगे। इससे राज्य में देशी-विदेशी सैलानियों की आमद और अधिक बढ़ जाएगी। यह कदम राज्य में स्वरोजगार बढ़ाने व पलायन को रोकने में काफी हद तक मददगार साबित होगा।
पर्यटन मंत्री ने बदरीनाथ व केदारनाथ के मध्य रावल ट्रैक, नीती माणा ट्रैक आदि ट्रैकों को भी खोलने पर योजना तैयार करने की बात कही है। पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज ने कहा कि पुराने ट्रैक्स को खोलने को लेकर कार्ययोजना तैयार कर की गई है। होमस्टे योजना पर भी विभाग तेजी से कार्य कर रहा है। कमरों की संख्या बढ़ाई जा रही है। उत्तराखंड के फूड को भी प्रमोट करने को लेकर कार्य किया जा रहा है।
हिन्दुस्थान समाचार / कमलेश्वर शरण / वीरेन्द्र सिंह
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