शीतकालीन पर्यटन स्थलों पर निर्बाध विद्युत आपूर्ति सुनिश्चित कराने को लेकर दिए निर्देश
देहरादून, 6 दिसंबर (हि.स.)। राज्य सरकार और उत्तराखंड पावर कॉर्पोरेशन लिमिटेड (यूपीसीएल) की ओर से शीतकाल के दौरान तीर्थयात्रियों और देश-विदेश से आने वाले पर्यटकों को बेहतर सुविधा उपलब्ध कराने पर विशेष जोर है। इसी क्रम में यूपीसीएल प्रबंध निदेशक अनिल कुमार ने समस्त क्षेत्रीय इकाइयों को निर्बाध और गुणवत्तापूर्ण विद्युत आपूर्ति सुनिश्चित कराने काे लेकर आवश्यक निर्देश दिए हैं।
प्रबंध निदेशक ने बताया कि शीतकाल में राज्य के इन महत्वपूर्ण पर्यटन क्षेत्रों में पर्यटकों का भारी आवागमन होता है, जिससे पर्यटन कारोबार को प्रोत्साहन मिलता है और स्थानीय स्तर पर रोजगार के अवसर भी बढ़ते हैं। ऐसे परिप्रेक्ष्य में यूपीसीएल किसी भी पर्यटक या उपभोक्ता को विद्युत आपूर्ति संबंधी असुविधा का सामना न करना पड़े। उनका कहना है कि राज्य के सभी प्रमुख शीतकालीन पर्यटन स्थलों और तीर्थ क्षेत्रों में सुरक्षित, निर्बाध एवं गुणवत्तापूर्ण विद्युत आपूर्ति उपलब्ध कराना निगम की शीर्ष प्राथमिकता है और इसके लिए सभी आवश्यक उपाय निरंतर जारी हैं।
उन्होंने समस्त क्षेत्रीय इकाइयों को निर्देश देते हुए कहा कि शीतकाल के दौरान मसूरी, औली, लैंसडाउन, जोशीमठ, धनौल्टी, ऋषिकेश, हरिद्वार, अल्मोडा, बागेश्वर, पिथौरागढ़, मुनस्यारी, चकराता, राजाजी नेशनल पार्क, टिहरी, देवप्रयाग, चंबा, हर्षिल आदि प्रमुख पर्यटन एवं तीर्थाटन स्थलों के साथ-साथ चारधाम के शीतकालीन पूजा स्थलों में विद्युत आपूर्ति की गुणवत्ता एवं विश्वसनीयता सुनिश्चित की जाए।
उन्होंने बताया कि पर्यटन क्षेत्रों से संबंधित सभी 33/11 केवी उपसंस्थानों, एचटी एलटी लाइनों, 11 केवी फीडरों तथा स्ट्रीट लाइटिंग सिस्टम का दैनिक अनुश्रवण किया जा रहा है। आकस्मिक परिस्थितियों से त्वरित निपटने हेतु सभी महत्वपूर्ण स्थलों पर कंडक्टर, केबल, पोल, ट्रांसफार्मर सहित आवश्यक सामग्री की अग्रिम उपलब्धता सुनिश्चित की गई है, जिससे विद्युत व्यवधान की स्थिति में न्यूनतम सनय में आपूर्ति पुनः सुचारू की जा सके।
उन्होंने बताया कि सभी अधीक्षण अभियन्ताओं एवं अधिशासी अभियन्ताओं को अपने-अपने क्षेत्रों में स्थित उपसंस्थानों एवं फीडरों का सघन निरीक्षण करने और संपूर्ण टीम को हाई अलर्ट मोड में रखने के निर्देश दिए गए हैं। विद्युत आपूर्ति पर प्रभाव डालने वाले कारकों को ध्यान में रखते हुए लाइनों के पास स्थित पेड़ों एवं टहनियों की लोपिंग-चोपिंग समय से पूर्ण करने को कहा गया है ताकि प्राकृतिक कारणों से आपूर्ति बाधित न हो। साथ ही सभी ट्राली ट्रांसफॉर्मरों की उपलब्धता एवं कार्यशील स्थिति का परीक्षण कर उन्हें किसी भी आपात स्थिति के लिए तैयार रखा गया है।
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हिन्दुस्थान समाचार / राजेश कुमार

