हरदा मुख्यमंत्री रहते कभी गैरसैंण स्थायी राजधानी के पक्षधर नहीं दिखे, अब दिखावा: खजान दास

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हरदा मुख्यमंत्री रहते कभी गैरसैंण स्थायी राजधानी के पक्षधर नहीं दिखे, अब दिखावा: खजान दास


देहरादून, 26 अगस्त (हि.स.)। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के प्रदेश प्रवक्ता खजान दास ने कहा कि हरीश रावत अपने मुख्यमंत्री कार्यकाल या पहले भी कभी गैरसैंण को स्थायी राजधानी के पक्षधर नहीं रहे और अब दिखावा कर रहे हैं। गैरसैंण को राजधानी बनाने में अपनी ही पार्टी के सदस्यों को अवरोधक बताने का दावा भी भ्रामक और शिगूफा है।

प्रदेश प्रवक्ता राजपुर खजान दास ने एक जारी बयान में कहा कि हरीश रावत जनता का विश्वास खो चुके हैं। सच्चाई यह है कि हरदा कभी भी राज्य निर्माण के पक्ष में ही नहीं थे। उनके मुख्यमंत्री पद से हटने के बाद भी सात वर्ष से अधिक समय बीत गया और दो विधानसभा और दो लोकसभा के चुनाव संपन्न हो गए। उनकी मंशा कांग्रेस के घोषणा पत्र में स्थान नहीं बना पायी। न ही पूर्व मुख्यमंत्री हरदा ने इस बारे में कोई चर्चा की और अब स्वयं को गैरसैंण का शुभचिंतक बनने का ढोंग रच रहे हैं।

खजान दास ने कहा कि हरदा राज्य के सरोकारों की आवाज बनने का दावा करते रहे हैं, लेकिन अटल सरकार में दिये विशेष पैकेज को जब मनमोहन सरकार में छीना गया तो वह मौन हो गए। यही स्थिति उनकी राज्य निर्माण आंदोलन में रही। वह कभी पूर्ण राज्य का दर्जा भी नहीं चाहते थे। धामी सरकार गैरसैंण को योग, ध्यान, अध्यात्म के केंद्र के रूप में भी विकसित करने जा रही है। गैरसैंण का सर्वांगीण विकास हो इसके लिए गैरसैंण भवन में सालभर विभिन्न प्रशिक्षण, वर्कशॉप, सेमिनार कार्यक्रम आयोजित किए जायेंगे।

मुख्यमंत्री ने समन्वय के लिए सचिव स्तर के अधिकारी को यह ज़िम्मेदारी दी है ताकि ऐसे विभिन्न कार्यक्रमों से स्थानीय अर्थव्यवस्था को भी मज़बूती मिले। भाजपा ने राज्य दिया है और उसे संवार भी रही है, जबकि कांग्रेस विकास में महज अवरोध उत्पन्न करती रही है। यह जनता बेहतर जानती है।

हिन्दुस्थान समाचार / राजेश कुमार / आकाश कुमार राय

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