अब मूल निवास प्रमाण-पत्र धारकों को स्थाई निवास प्रमाण पत्र बनाने की बाध्यता नहीं होगी

अब मूल निवास प्रमाण-पत्र धारकों को स्थाई निवास प्रमाण पत्र बनाने की बाध्यता नहीं होगी
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अब मूल निवास प्रमाण-पत्र धारकों को स्थाई निवास प्रमाण पत्र बनाने की बाध्यता नहीं होगी






-मुख्यमंत्री के निर्देशों के क्रम में सचिव की ओर से आदेश जारी

देहरादून, 20 दिसम्बर (हि.स.)। राज्य में मूल निवास प्रमाण पत्र धारकों को स्थाई निवास प्रमाण पत्र प्रस्तुत करने के लिए विभाग अब बाध्य नहीं कर पाएंगे।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देशों के क्रम में सचिव विनोद सुमन की ओर से इस संबंध में आदेश जारी किए हैं। उक्त आदेशों का कड़ाई से पालन सुनिश्चित किया जाए। शासन के संज्ञान में यह तथ्य लाया गया था कि राज्य में सेवायोजन, शैक्षणिक संस्थाओं, प्रदेश में अन्य विभिन्न कार्यों हेतु उत्तराखण्ड के मूल निवास प्रमाण पत्र धारकों को सम्बन्धित विभागों, संस्थाओं व संस्थानों द्वारा स्थाई निवास प्रमाण पत्र प्रस्तुत किये जाने के लिए बाध्य किया जा रहा है, जबकि इस सम्बन्ध में सामान्य प्रशासन विभाग के शासनादेश 28 सितम्बर 2007 के द्वारा मूल निवास प्रमाण पत्र धारकों के लिये स्थायी निवास प्रमाण पत्र की आवश्यकता न होने के सम्बन्ध में स्पष्ट निर्देश पूर्व में ही दिये गये हैं।

सचिव विनोद कुमार सुमन की ओर से बताया गया कि जिन प्रयोजनों के लिये स्थाई निवास प्रमाण पत्र की आवश्यकता है, उन प्रयोजनों के लिये मूल निवास प्रमाण पत्र धारकों को स्थाई निवास प्रमाण पत्र प्रस्तुत किये जाने हेतु बाध्य न किया जाए। उक्त आदेशों का कड़ाई से अनुपालन सुनिश्चित किया जाए।

हिन्दुस्थान समाचार/राजेश

/रामानुज

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