हिमालय की संवेदनशीलता का ध्यान रखना चाहिए : डॉ. हटवाल

हिमालय की संवेदनशीलता का ध्यान रखना चाहिए : डॉ. हटवाल
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हिमालय की संवेदनशीलता का ध्यान रखना चाहिए : डॉ. हटवाल


गोपेश्वर, 23 मई (हि.स.)। उत्तराखंड की लोक संस्कृति के जानकार डॉ. नंदकिशोर हटवाल ने कहा कि उच्च हिमालयी क्षेत्र में आयोजित होने वाली इस यात्रा के दौरान धार्मिक पहलुओं के साथ ही हिमालय की संवेदनशीलता को भी ध्यान में रखना चाहिए।

डाॅ. हटवाल गुरुवार को चमोली जिले के विकासखंड नंदानगर के अटल उत्कृष्ट राजकीय इंटरमीडिएट कालेज सितेल में नंदा राजजात एक धार्मिक और साहसिक यात्रा विषय पर आयोजित कार्यक्रम में बोल रहे थे। उन्होंने कहा कि धार्मिक यात्राओं के दौरान पर्यावरण के संरक्षण का विशेष ध्यान रखा जाना चाहिए। हमारे पूर्वजों ने हिमालय की धार्मिक और पर्यावरणीय महत्ता को ध्यान में रखते हुए उसकी पवित्रता को बनाये रखी। साथ ही इस क्षेत्र में यात्रा के दौरान मानवीय क्रियाकलापों को कई नियमों और लोकाचारों के माध्यम से प्रतिबंधित किया था, जिससे आज भी हमारे ये क्षेत्र संरक्षित हैं। इन क्षेत्रों के संक्षण के लिए नए कायदों के साथ पूर्वजों के अनुभवों और कार्यों से सीख लेनी चाहिए। तभी ये संपन्न इलाके बचे रहेंगे।

कार्यक्रम में सीपी भट्ट पर्यावरण एवं विकास केंद्र के प्रबंध न्यासी ओम प्रकाश भट्ट ने कहा कि हिमालय हमारी धार्मिक आस्था के साथ ही पर्यावरण का भी प्रमुख आधार है। मध्य हिमालय क्षेत्र में निरंतर बढ़ती वनाग्नि की घटनाओं पर चिंता व्यक्त करते हुए उन्होंने कहा कि वनाग्नि से जहां कई हेक्टेयर जंगल राख हो गये हैं वहीं कई जीव विलुप्त और कई विलुप्ति के कगार पर पहुंच गये हैं। हिमालय जैव विविधता की दृष्टि से समृद्ध है अब वनाग्नि के कारण वह भी नष्ट होने के कगार पर पहुंचने वाला है।

उन्होंने कहा कि यदि अब भी संगठित होकर हमने इस सिलसिले को नहीं रोका तो निकट भाविष्य में हमें इसके गंभीर दुष्परिणाम भुगतने होंगे। वे कितने भयावह होंगे, हम उसकी कल्पना भी नहीं कर सकते हैं।

चिपको नेता आलम सिंह बिष्ट की स्मृति में आयोजित व्याख्यान कार्यक्रम के आरंभ होने से पूर्व वक्ताओं ने नेता आलम सिंह को याद कर उनके चित्र पर माल्यार्पण कर पुष्प अर्पित किये। व्याख्यान में उपस्थित छात्र-छात्राओं को नंदा राजजात के धार्मिक महत्व और इतिहास के साथ ही सभी पहलुओं की जानकारी दी गयी।

विद्यालय के प्रधानाचार्य राकेश गौड़ की अध्यक्षता में संचालित कार्यक्रम में मंगला कोठियाल ने मुख्य वक्ता के कार्य और अनुभवों की जानकारी दी तथा कार्यक्रम का संचालन विनय सेमवाल ने किया। इस दौरान कार्यक्रम में अभिवावक संघ के अध्यक्ष यशपाल आर्य, विद्यालय प्रबंधन समिति के अध्यक्ष रणजीत सिंह, यशवंत सिह, धीर सिंह, रमेश रावत, दमयंती रावत, विमला पंत रेखा आदि ने अपने विचार रखे।

हिन्दुस्थान समाचार/जगदीश/सत्यवान/रामानुज

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