पंडित ललित मोहन शर्मा श्री देव सुमन परिसर में आयोजित की गई कार्यशाला

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पंडित ललित मोहन शर्मा श्री देव सुमन परिसर में आयोजित की गई कार्यशाला




-तकनीक हमेशा से नवयुग में प्रवेश का माध्यम रही है-एन के जोशी

ऋषिकेश, 09अगस्त (हि.स.)। पंडित ललित मोहन शर्मा श्री देव सुमन उत्तराखंड विश्वविद्यालय परिसर में रसायन विभाग एवं आंतरिक गुणवत्ता आश्वासन प्रकोष्ठ आईक्यूएसी के संयुक्त तत्वाधान में एनईपी के तहत डिजिटल शिक्षा और अकादमिक प्रशिक्षण को बढ़ावा देने विषय पर एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया।

शुक्रवार को आयोजित कार्यक्रम के मुख्य अतिथि श्री देव सुमन उत्तराखंड विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. एनके जोशी, परिसर के निदेशक प्रो. महावीर सिंह रावत हरि सिंह गौर, विश्वविद्यालय सागर मध्य प्रदेश से आए की नोट स्पीकर डॉ. नीरज उपाध्याय संगोष्ठी के संयोजक प्रो. हितेंद्र सिंह, सहसंयोजक प्रो. एसपी सती, आयोजन सचिव डॉ. विभा कुमार आईआईपी से आमंत्रित वक्ता डॉ. आरती एवं डॉ. उमेश कुमार विज्ञान संकाय अध्यक्ष प्रो. गुलशन कुमार ढींगरा, कला संकाय अध्यक्ष प्रो. डी सी गोस्वामी, वाणिज्य संकाय अध्यक्ष प्रो. कंचन लता सिन्हा ,डीएसडब्ल्यू प्रो. पीके सिंह के द्वारा दीप प्रज्वलित कर कार्यशाला का उद्घाटन किया गया।

इस अवसर पर इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ़ पेट्रोलियम देहरादून एवं श्रीदेव सुमन उत्तराखंड विश्वविद्यालय के बीच में समझौता एमओयू पर विश्वविद्यालय के कुलपति एवं आईआईपी के निदेशक द्वारा हस्ताक्षर किए गए जिसके अंतर्गत विश्वविद्यालय में शोध कार्य एवं स्नाकोत्तर के छात्रों को अनुसंधान एवं तकनीकी शिक्षा एवं प्रयोगात्मक गतिविधियों का आदान-प्रदान किया जाएगा।

परिसर के निदेशक प्रो. एम एस रावत ने संगोष्ठी में आए सभी अतिथियों शोधार्थियों का स्वागत कर इस संगोष्ठी को छात्र एवं शोधार्थियों के लिए उपयोगी बताया। रसायन विज्ञान के विभाग अध्यक्ष प्रो सती ने अतिथियों के समक्ष कार्यशाला का उद्देश्य एवं उपयोगिता के बारे में बताया।

मुख्य अतिथि प्रो. एन के जोशी ने संगोष्ठी को संबोधित करते हुए कहा कि तकनीक हमेशा से नवयुग में प्रवेश का माध्यम रही है। चाहे वह पेपर हो, प्रिंटिंग प्रेस हो, ब्लैकबोर्ड हो, पुस्तकें हों अथवा इक्कीसवीं सदी का मोबाइल ब्रॉडबैंड और इंटरनेट-सुविधा हो। अब देखना यह होगा कि इस नव-क्रांति का हम कितना सकारात्मक उपयोग करते हैं। पर इतना तो अवश्य कहा जा सकता है कि जैसे-जैसे ग्रामीण भारत, सूचना तंत्र से जुड़ता जाएगा, भारत में ज्ञान का उत्पादन भी बढ़ता जाएगा और एक बार पुनः हम वैश्विक स्तर पर अपनी ज्ञान-पताका फहरा पाएंगे।

की नोट स्पीकर डॉ. नीरज उपाध्याय ने अपने संबोधन में कहा कि ऑनलाइन एजुकेशन वर्तमान समय में शिक्षा का सशक्त माध्यम है इसके लिए मैसिव ओपन ऑनलाइन कोर्स मूक स्वयम नेप्टल आदित्य ऑनलाइन कोर्स एवं पंजीकरण छात्रों का क्रेडिट को किस तरह अपने कोर्स से जोड़ा जा सकता है आदि के बारे में विस्तृत चर्चा की।

प्रथम तकनीकी सत्र को संबोधित करते हुए डॉ. आईआईपी की मुख्य वैज्ञानिक डॉ. आरती ने कहा कि भविष्य में ऊर्जा के लिए गैर पारंपरिक स्रोत पर विस्तृत चर्चा की। द्वितीय तकनीकी क्षेत्र में आईआईपी के वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ. उमेश कुमार ने सीएसआईआर एवं आईआईपी के द्वारा छात्रों और शोधार्थियों को किस प्रकार अनुसंधान में सहयोग किया जा रहा है इसकी विस्तृत जानकारी दी।

अंत में प्रो आशीष शर्मा ने सभी प्रतिभागियों व अतिथियों का धन्यवाद ज्ञापित किया। इस अवसर पर प्राे. नीता जोशी, प्रो. नवीन शर्मा, प्रो. पुष्पांजलि आर्य, प्रो. वीडी पांडे, प्रो. वीके गुप्ता, प्रो. संगीता मिश्रा, प्रो. हेमलता मिश्रा, प्रो. मनोज यादव, प्रो. धर्मेंद्र कुमार, डॉ. अशोक कुमार मेंदोला, प्रो. वीएन गुप्ता, डॉ. नेहा भट्ट, विवेक राजभर ,कृष्ण उनियाल, दीपेंद्र आदि उपस्थित रहे।

हिन्दुस्थान समाचार

हिन्दुस्थान समाचार / विक्रम सिंह / सत्यवान

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