महाविद्यालय के दीक्षांत समारोह में बोले राज्यपाल, शिक्षा के क्षेत्र में आज हमारी बेटियां सबसे आगे
-पंडित ललित मोहन शर्मा महाविद्यालय में चतुर्थ दीक्षांत समारोह हुआ
-समारोह में 19849 स्नातक स्नातकोत्तर छात्र-छात्राओं को डिग्री के साथ, 69 छात्र-छात्राओं को दिए गए स्वर्ण पदक
ऋषिकेश, 21 फरवरी (हि.स.)। ऋषिकेश स्थित पंडित ललित मोहन शर्मा महाविद्यालय के चतुर्थ दीक्षांत समारोह का राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल (सेनि) और कुलाधिपति गुरमीत सिंह, उच्च शिक्षा मंत्री डा. धन सिंह रावत ने दीप प्रज्ज्वलित कर परिसर में नए बने ऑडिटोरियम स्वामी विवेकानंद प्रेक्षागृह का उद्घाटन भी किया।
इस दौरान चतुर्थ दीक्षांत समारोह में 19849 स्नातक स्नातकोत्तर छात्र-छात्राओं को डिग्री प्रदान की गई। 69 छात्र-छात्राओं को स्वर्ण पदक दिया गया। तीनों संकाय विज्ञान संकाय, कला संकाय, वाणिज्य संकाय में सर्वोच्च अंक प्राप्त करने वाले छात्र-छात्राओं को श्री देव सुमन गोल्ड मेडल से भी सम्मानित किया गया। इस दौरान विद्यालय की स्मारिका का विमोचन भी किया गया।
बुधवार को ऋषिकेश पंडित ललित मोहन शर्मा महाविद्यालय में समारोह के मुख्य अतिथि राज्यपाल ले. जनरल (सेनि) गुरमीत सिंह ने कहा कि शिक्षा के क्षेत्र में आज हमारी बेटियां सबसे आगे निकल गई हैं, जिन्होंने हर क्षेत्र में अपना स्थान बनाया है। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड में आज क्रांति भी हमारी बेटियां ही लाएगीं। दिल की कामयाबी से आज काफी हर्ष हो रहा है। इस डिग्री को प्राप्त करने के बाद माता-पिता के साथ गुरुजन और दोस्त काफी खुश नजर आ रहे हैं। हमारी सभ्यता और संस्कृति आदिकाल से चली आ रही है, जिसे बनाए रखना प्रत्येक छात्र का कर्तव्य है।
राज्यपाल ने कहा कि जो ज्ञान आज आपने प्राप्त किया है, उसका लाभ हमारे अंतिम गांव तक रहने वाले व्यक्ति को मिलना चाहिए। इसे देखते हुए अपने अंदर देश प्रेम की भावना को जागना होगा। उन्होंने कहा कि वर्तमान समय में नई शिक्षा नीति के अंतर्गत काफी बदलाव भी हुआ है। इसके अंतर्गत नवाचार शिक्षा को भी ग्रहण करना अत्यंत आवश्यक है, जो सर्वश्रेष्ठ राष्ट्र की ओर ले जाएगा। तभी भारत विश्व गुरु का स्थान प्राप्त कर सकता है।
उन्होंने श्री देव सुमन को याद करते हुए उनके जीवन कथा को भी प्रणाम किया। उन्होंने कहा कि हमारी यूनिवर्सिटी सबसे बड़ी यूनिवर्सिटी है, जो ज्ञान की सफलता के साथ राष्ट्र निर्माण भी कर रही है। उनका कहना था कि इस यूनिवर्सिटी ने हर क्षेत्र में कामयाबी हासिल की है। यह ऋषि मुनियों की भूमि है, जोकि आध्यात्मिकता के साथ योग और शिक्षा के क्षेत्र में भी आगे बढ़ रही है। इसलिए इसे देवभूमि कहते हैं।
उच्च शिक्षा मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने कहा कि हम विश्वविद्यालय के सभी कैंपस के लिए पहली बार भारत सरकार ने दिल खोलकर शिक्षा के लिए बजट दिया है। माध्यमिक शिक्षा के लिए 100 करोड़ रुपये जबकि उच्च शिक्षा के लिए अब तक 120 करोड़ रुपये जारी किए गए हैं। उच्च शिक्षा के लिए अभी 200 से 300 करोड़ रुपये और मिलने की उम्मीद है। उन्होंने कहा कि सरकार ने छात्रों के प्रोत्साहन तथा शोध कार्यों को प्रोत्साहित करने के लिए भी योजनाएं शुरू की है। उन्होंने कहा कि सरकार नेट का गेट पाने वाले महाविद्यालय को 25 लाख से ढाई लाख रुपये तक का पारितोषिक प्रदान कर रही है।
उन्होंने बताया कि रिसर्च के लिए प्रत्येक छात्र को ₹5000 मासिक दिया जाएगा 70 फीसद से अधिक अंक पाने वाले छात्रों को तीन से ₹5000 तक मासिक भत्ता दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि सरकार शिक्षा के स्तर को गुणवत्ता प्रदान करने के लिए कोई कसर नहीं छोड़ रही है। उन्होंने कहा कि इस सत्र में छात्रों को सत प्रतिशत पुस्तक उपलब्ध कराई जाएगी महाविद्यालय में फर्नीचर बिल्डिंग की लर्निंग कंप्यूटर आदि की पर्याप्त व्यवस्थाएं प्रदान की जाएंगी।
श्री देव सुमन विश्वविद्यालय के कुलपति एनके जोशी ने बताया कि ऋषिकेश पंडित ललित मोहन शर्मा श्री देव सुमन स्नातकोत्तर के तीन विषय इतिहास, मानव विज्ञान, चित्रकला में सर्वोच्च अंक प्राप्त करने वाले छात्र-छात्राओं को कैप्टन शूरवीर सिंह पंवार गोल्ड मेडल से सम्मानित किया गया। पंडित ललित मोहन शर्मा परिसर ऋषिकेश में नव-निर्मित विवेकानंद हॉल का उद्घाटन कुलाधिपति एवं अतिथियों के द्वारा किया गया, जिसका निर्माण कार्य 6 माह में पूर्ण किया गया। इसी हॉल में दीक्षांत समारोह का आयोजन किया गया।
विश्वविद्यालय परिसर ऋषिकेश एवं विश्वविद्यालय मुख्यालय में ढांचागत सुविधाओं का विकास किया जा रहा है, जिसके अंतर्गत ऋषिकेश परिसर में एकेडमिक ब्लॉक, परीक्षा हॉल, टाइप 5 की बिल्डिंग, गेस्ट हाउस का निर्माण कार्य प्रगति पर है। साइंस ब्लॉक एवं आर्ट ब्लॉक के रिनोवेशन का कार्य शुरू हो गया है जो विगत 20 वर्षों से नहीं हुआ था।
ऑडिटोरियम एवं वाणिज्य में फर्स्ट फ्लोर का कार्य भी शुरू होने वाला है। विश्वविद्यालय में रोजगारपरक व्यावसायिक पाठ्यक्रम बीबीए, बीसीए, बीएससी (कम्प्यूटर साइंस) तथा एनएससी माइक्रोबॉयालोजी इत्यादि को विधिवत आरम्भ किया गया, जो सफलतापूर्वक संचालित किया जा रहा है। साथ ही विश्वविद्यालय मुख्यालय में भी एक दशक बाद बीसीए पाठ्यक्रम प्रारम्भ कर दिया गया है। विश्वविद्यालय के अकादमिक व प्रशासनिक कार्यों में पारदर्शिता लाने एवं जवाबदेही तय करने के लिए श्री देव सुमन उत्तराखण्ड विश्वविद्यालय द्वारा ईआरपी पोर्टल तैयार कर समस्त कार्यों को डिजिटाइज किया गया है।
इस अवसर पर पूर्व मंत्री किशोर उपाध्याय, कुलपति प्रोफेसर एन के जोशी, निदेशक प्रोफेसर महावीर सिंह रावत , खेमराज भट्ट परीक्षा नियोजन विजय प्रकाश श्रीवास्तव, मीडिया प्रभारी डॉक्टर अशोक कुमार मंदोला सहित सभी अधिकारी को कर्मचारी भी उपस्थित थे।
हिन्दुस्थान समाचार/विक्रम/रामानुज
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