उत्तराखंड में अब बिजली कटौती की होगी सटीक निगरानी, आरटी-डीएएस से मिलेगा रियल टाइम डेटा

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उत्तराखंड में अब बिजली कटौती की होगी सटीक निगरानी, आरटी-डीएएस से मिलेगा रियल टाइम डेटा


- यूपीसीएल ने विद्युत तंत्र को आधुनिक बनाने की दिशा में उठाया बड़ा कदम

देहरादून, 25 नवंबर (हि.स.)। उत्तराखंड पावर कॉरपोरेशन लिमिटेड (यूपीसीएल) ने विद्युत वितरण प्रणाली को अधिक सुदृढ़ और आधुनिक बनाने के उद्देश्य से एक नई तकनीक, रियल टाइम डाटा अधिग्रहण प्रणाली (आरटी-डीएएस) का सफलतापूर्वक क्रियान्वयन शुरू किया है। इस योजना को राज्य सरकार के प्रयासों और केंद्र सरकार की सहायता से संचालित रिवैम्प्ड डिस्ट्रीब्यूशन सेक्टर स्कीम (आरडीएसएस) के तहत लागू किया जा रहा है।

यूपीसीएल के प्रबंध निदेशक ने बताया कि इस तकनीक के इस्तेमाल से राज्य में बिजली वितरण नेटवर्क को आधुनिक और विश्वसनीय बनाने में बड़ी सफलता मिलेगी। अनप्लांड आउटेज की घटनाओं को कम करते हुए उपभोक्ताओं को बेहतर सेवाएं प्रदान की जा सकेंगी। यह परियोजना डिजिटलीकरण के युग में उत्तराखंड के ऊर्जा क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण बदलाव का प्रतीक है।

215 उपसंस्थानों पर होगी निगरानी

योजना के तहत उत्तराखंड के 215 उपसंस्थानों पर RT-DAS प्रणाली स्थापित की जा रही है। अब तक कुल 103 उपसंस्थानों में इस प्रणाली की स्थापना पूरी हो चुकी है। इनमें रानीपोखरी, जौलीग्रांट, त्यूनी, लालतप्पड़, सेलाकुई, चिपलघाट, रायवाला, और चाकीसैण जैसे प्रमुख क्षेत्र शामिल हैं। शेष उपसंस्थानों पर भी यह कार्य चरणबद्ध तरीके से आगामी महीनों में पूरा किया जाएगा।

आरटी-डीएएस से मिलेंगे ये फायदे

RT-DAS प्रणाली की मदद से उपसंस्थानों की रियल टाइम निगरानी की जा सकेगी।

प्लांड और अनप्लांड आउटेज का पृथक्करण: इससे बिजली बाधित होने की घटनाओं का विश्लेषण कर समय पर सुधारात्मक कदम उठाए जा सकेंगे।

विश्वसनीयता का आकलन: विद्युत वितरण नेटवर्क की विश्वसनीयता को मापने के लिए SAIFI/SAIDI जैसे सूचकांकों की गणना की जाएगी।

फॉल्ट की तत्काल जानकारी: फीडर ट्रिप होने की स्थिति में संबंधित अभियंता को SMS के माध्यम से तत्काल सूचना प्राप्त होगी। आवश्यकता पड़ने पर यह सूचना उच्चाधिकारियों को भी भेजी जाएगी।

ब्रेकर्स का बेहतर रखरखाव: ट्रिपिंग की संख्या के आधार पर ब्रेकर्स का समय पर रखरखाव सुनिश्चित किया जाएगा।

उपभोक्ताओं को सटीक जानकारी: RT-DAS को कॉल सेंटर से जोड़ा गया है, जिससे फीडर आउटेज की जानकारी मिलने पर ग्राहक सेवा प्रतिनिधि उपभोक्ताओं को तुरंत सही जानकारी दे सकेंगे।

राष्ट्रीय स्तर पर डेटा साझा होगा

RT-DAS प्रणाली से प्राप्त डेटा को रियल टाइम में नेशनल पावर पोर्टल पर भेजा जाएगा। नोडल एजेंसी PFC को यह डेटा नियमित रूप से उपलब्ध कराया जाएगा।

हिन्दुस्थान समाचार / कमलेश्वर शरण

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