ग्राफिक एरा में अंतरराष्ट्रीय संगोष्ठी, विशेषज्ञ बोले आपदाओं से बचाएंगी नई निर्माण तकनीकें
देहरादून, 17 मई (हि.स.)। ग्राफिक एरा डीम्ड यूनिवर्सिटी में शुक्रवार को सिविल, एनवायरनमेंट एंड कंस्ट्रक्शन टेक्नोलॉजी: इकोलॉजिकल, रेसिलियंट एंड सस्टेनेबल डेवलपमेंट गोल्स इंटीग्रेशन विषय पर अंतरराष्ट्रीय संगोष्ठी आयोजित की गई। इस दौरान विशेषज्ञों ने कहा कि बिल्डिंग बनाने की नई तकनीकें हिमालयी क्षेत्रों में आपदाओं से राहत देने में मददगार साबित होगीं।
कुलपति डॉ. नरपिंदर सिंह, भारत अर्थ मूवर्स लिमिटेड के मुख्य प्रबंध निदेशक शांतनु रॉय और उत्तराखंड जल विद्युत निगम के प्रबंध निदेशक संदीप सिंघल ने शुक्रवार को ग्राफिक एरा डीम्ड यूनिवर्सिटी में आयोजित संगोष्ठी का उद्घाटन दीप प्रज्वलित करके किया।
इस मौके पर कुलपति डॉ. नरपिंदर सिंह ने कहा कि किसी भी क्षेत्र का विकास पर्यावरण को नुकसान पहुंचाए बिना होना चाहिए। भारत अर्थ मूवर्स के मुख्य प्रबंध निदेशक शांतनु राय ने नवाचार, सुधार और बदलाव को सफलता का मंत्र बताते हुए कहा कि आगे बढ़ने के लिए समय के साथ खुद में बदलाव करना बहुत जरूरी है।
उत्तराखंड जल विद्युत निगम के प्रबंध निदेशक संदीप सिंघल ने विकास के लिए पर्यावरण के साथ संतुलित संबंध बनाने को मनुष्य के लिए आवश्यक बताया।
संगोष्ठी में नेशनल जियोफिजिकल रिसर्च इंस्टीट्यूट, हैदराबाद के पूर्व निदेशक पद्मश्री डॉ. वीपी डिमरी, चैंगक्विंग यूनिवर्सिटी, जापान के डॉ. यूकिओ तामूरा, क्योटो यूनिवर्सिटी, जापान के प्रो. ताईची हायाशी, इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ़ साइंस, बेगलुरु के प्रो. सिवाकुमार बाबू, थापर यूनिवर्सिटी, पटियाला के डॉ. नवीन क्वात्रा व अन्य विशेषज्ञों ने विभिन्न विषयों पर व्याख्यान दिए। वे इस संगोष्ठी में ऑफलाइन व ऑनलाइन तौर पर शामिल हुए।
इस अवसर पर ग्राफिक एरा डीम्ड यूनिवर्सिटी के सिविल इंजीनियरिंग डिपार्टमेंट और भारत अर्थ मूवर्स के बीच शैक्षिणिक सहयोग को बढ़ावा देने के लिए एमओयू किया गया। कुलपति डॉ. नरपिंदर सिंह और भारत अर्थ मूवर्स के हेड कॉरपोरेट कम्युनिकेशन, तपस तालुकदार ने एमओयू पर हस्ताक्षर किए।
इस अवसर पर स्मारिका का विमोचन किया गया। संगोष्ठी के पहले दिन, आज 15 से ज्यादा शोध पत्र पढ़े गए। अंतरराष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन सिविल इंजीनियरिंग डिपार्टमेंट ने किया। इसमें डीन प्लैनिंग एंड डेवलपमेंट, डॉ. अजय गैरोला, एचओडी डॉ. केके गुप्ता, सामाजिक कार्यकर्ता डॉ. संजना जॉन, आयोजन सचिव डॉ. दीपशिखा शुक्ला, कार्यक्रम संयोजक प्रो. संजीव कुमार व डॉ. अमित श्रीवास्तव, अनेक शोधकर्ता, शिक्षक-शिक्षिकाएं और छात्र-छात्राएं मौजूद रहे।
हिन्दुस्थान समाचार/राजेश/सत्यवान/दधिबल
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