नव संवत्सर पर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने नगर में निकला, बैंड बाजों के साथ पथ संचलन
-नगर वासियों ने पुष्प वर्षा कर समस्याओं को का किया भव्य स्वागत
-राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ का विमर्श अब सर्व स्वीकार्यता की ओर बढ़ रहा है : लक्ष्मी प्रसाद
ऋषिकेश, 09 अप्रैल (हि.स.)। विक्रमी संवत 2081 के अवसर पर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के स्वयंसेवकों ने हिन्दू नव वर्ष चैत्र शुक्ल प्रतिपदा के दौरान आध्य गुरु भगवा ध्वज को प्रणाम कर नगर में बैंड बाजों के साथ पथ संचलन निकाला। जिसका नगर वासियों ने पुष्प वर्षा कर जबरदस्त जगह-जगह स्वागत किया।
भरत मंदिर के मैदान में आयोजित राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने कार्यक्रम विनोद कोठारी की अध्यक्षता में संघ के क्षेत्र सामाजिक समरसता संयोजक) लक्ष्मी प्रसाद जायसवाल ने मुख्य वक्ता के रूप में उपस्थित स्वयंसेवकों से कहा कि आज भारत की बढ़ती वैश्विक शक्ति इस बात का परिचायक है कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ का विमर्श अब सर्व स्वीकार्यता की ओर बढ़ रहा है।
आज का दिन राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रमुख छह उत्सवों में से एक है और अति महत्वपूर्ण उत्सव है। जिसका वैज्ञानिक प्रमाण है और अनादि काल से प्रत्येक सनातनी पंचांग को आधार मान कर वैदिक गणना कर अपने महत्वपूर्ण कार्यों को संपादित करते आए हैं। उन्होंने कहा कि वसुधैव कुटुंबकम्, सर्वे भवन्तु सुखिन सर्वे संतु निरामय की अवधारणा भी इसी सनातन से प्रस्फुटित हुई है। यह हिन्दू नव वर्ष कोई सामान्य दिवस नहीं अपितु इसी दिन ब्रह्मा जी द्वारा सृष्टि की स्थापना, इसी दिन प्रथम सूर्योदय, सभी भारतीय सम्वतों का प्रारम्भ दिवस, मां दुर्गा की उपासना नवरात्रि प्रारम्भ, मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम जी और सम्राट युधिष्ठिर का राज्याभिषेक, झूलेलाल जयंती, आर्यसमाज की स्थापना और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के आध्य सरसंघचालक डॉ केशव बलिराम हेडगेवार जी का जन्म दिवस जैसे अनेकों उत्सव इस दिन आयोजित किए जाते हैं।
संघ राष्ट्र निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता आया है और आगे भी अपने विमर्श के माध्यम से राष्ट्र निर्माण में अपना योगदान देता रहेगा। इसके लिए ऐसे उत्सवों तथा और भी अनेक क्रिया कलापों के माध्यम से जन जागरण करता रहेगा। इसके लिए निरंतरता व नियमितता की अति आवश्यकता रहती है, जिसका केंद्र बिंदु संघ की शाखा है और इसी का परिणाम है कि आज संघ विश्व का सबसे बड़ा संगठन है जो की अगले साल वर्ष 2025 मैं अपनी स्थापना के 100 वर्ष पूर्ण करने जा रहा है। इसके लिए प्रत्येक स्वयंसेवक का योगदान है और अनेकों स्वयंसेवकों का बलिदान कभी भी विस्मृत नहीं किया जा सकता।
इस अवसर पर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के स्वयंसेवकों ने नगर के विभिन्न प्रमुख मार्गों से पथ संचलन भी निकाला गया, जो हीरालाल मार्ग तिलक रोड हरिद्वार मार्ग त्रिवेणी घाट क्षेत्र बाजार सुभाष चौक भरत मंदिर होते हुए देहरादून मार्ग से रेलवे मार्ग से होकर अपने प्रारंभिक स्थल पर जाकर समाप्त हुआ। इस दौरान विभिन्न स्थानों में पथ संचलन कर रहे स्वयंसेवकों पर विभिन्न व्यापारी संगठन और मातृ शक्ति और आम जनों द्वारा पुष्प वर्षा कर स्वागत भी किया गया।
इस अवसर पर कार्यक्रम में विभाग संघचालक अनिल कुमार मित्तल और नगर संघचालक भारत भूषण कुंदनानी समेत सैंकड़ों की संख्या मैं स्वयंसेवक उपस्थित रहे।
हिन्दुस्थान समाचार/विक्रम/रामानुज
हमारे टेलीग्राम ग्रुप को ज्वाइन करने के लिये यहां क्लिक करें, साथ ही लेटेस्ट हिन्दी खबर और वाराणसी से जुड़ी जानकारी के लिये हमारा ऐप डाउनलोड करने के लिये यहां क्लिक करें।