(अपडेट) मसूरी गोलीकांड बरसी: मुख्यमंत्री धामी ने बलिदानियों को दी श्रद्धांजलि, बोले- उत्तराखंड की नींव को बलिदानियों ने अपने खून से सींचा है
- राज्य आंदोलनकारियों के सपनों के अनुरूप सरकार कर रही उत्तराखंड का विकास : मुख्यमंत्री धामी
देहरादून, 02 सितंबर (हि.स.)। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सोमवार को मसूरी गोलीकांड की बरसी पर बलिदानी राज्य आन्दोलनकारियों को नमन किया। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड की नींव को बलिदानियों ने अपने खून से सींचा है। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य आन्दोलनकारियों के सपनों के अनुरूप उत्तराखंड के विकास के लिए हमारी सरकार प्रतिबद्धता के साथ कार्य कर रही है।
सोमवार को मुख्यमंत्री धामी ने मसूरी गोलीकांड की 30वीं बरसी के अवसर पर मसूरी शहीद स्मारक पहुंचकर बलिदानी राज्य आंदोनकारियों को श्रद्धांजलि अर्पित की। इस दौरान राज्य आंदोलनकारियों की ओर से मुख्यमंत्री का 10 प्रतिशत क्षैतिज आरक्षण की व्यवस्था लागू करने के लिए आभार व्यक्त किया गया।
इस दौरान आयोजित कार्यक्रम में मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि हमारे राज्य आंदोलनकारियों ने अपनी जान की परवाह किये बिना अपना सर्वस्व न्यौछावर कर दिया। बलिदानी आंदोलनकारियों ने जो सपने उत्तराखंड के लिए देखे थे, उन्हें पूरा करने का कार्य राज्य सरकार कर रही है। उन्होंने कहा कि एक सितंबर को खटीमा कांड, 2 सितंबर को मसूरी और 2 अक्टूबर को रामपुर तिराहा कांड हुआ। ये तीनों दिन हमारे राज्य के इतिहास में एक काले अध्याय के रूप में दर्ज हैं। हम अपने अमर बलिदानियों के सर्वोच्च बलिदान को कभी भूला नहीं सकते। शांतिपूर्ण ढंग से चल रहे आंदोलन को बर्बरतापूर्ण कुचलने का काम तत्कालीन सरकार ने किया।
मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि बलिदानी आंदोलनकारियों का सपना था कि एक ऐसा उत्तराखंड बने, जहां सबको समान अधिकार मिले। इसी लक्ष्य को लेकर राज्य सरकार आगे बढ़ रही है। मुख्यमंत्री ने कहा कि हाल में जारी नीति आयोग की सतत विकास लक्ष्यों की रैंकिंग में उत्तराखंड ने नंबर एक स्थान प्राप्त किया है। राज्य में विकास के साथ पर्यावरण संतुलन पर भी विशेष ध्यान दिया जा रहा है। राज्य में जी.ई.पी की शुरुआत की गई है। मुख्यमंत्री ने राज्य आंदोलनकारियों के प्रति कृतज्ञता व्यक्त करते हुए कहा कि राज्य आंदोलनकारियों और उनके आश्रितों के लिए 10 प्रतिशत क्षैतिज आरक्षण की व्यवस्था लागू की है और पेंशन दी जा रही है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य आंदोलन में हमारी नारी शक्ति की बड़ी भूमिका रही है। इसी के दृष्टिगत राज्य सरकार ने महिलाओं को राज्य की सरकारी सेवाओं में 30 प्रतिशत आरक्षण देने का निर्णय लिया है। राज्य में सख्त नकल विरोधी कानून लागू किया गया है। सौ से ज्यादा नकल माफियाओं को जेल की सलाखों के पीछे पहुंचाने का कार्य किया गया। राज्य में डेमोग्राफी चेंज न हो, इसके लिए लैंड जिहाद पर कठोर कार्रवाई की गई।
मसूरी के बलिदानियों के स्मरण में बनेगा संग्रहालय
मुख्यमंत्री ने कहा कि मसूरी के शहीद स्मारक में बलिदानियों के स्मरण में संग्रहालय बनाया जायेगा। हमारे राज्य आन्दोलनकारियों के बारे में भावी पीढ़ी को जानकारी होना जरूरी है। कार्यक्रम के बाद मुख्यमंत्री ने मसूरी में स्वं इन्द्रमणि बडोनी की मूर्ति पर माल्यार्पण कर उन्हें श्रद्वांजलि भी दी।
अकारण ही गोलियां बरसाई गई : गणेश जोशी
कार्यक्रम में कैबिनेट मंत्री गणेश जोशी ने कहा कि एक सितंबर को खटीमा गोलीकांड के बाद मसूरी में लोगों में भारी आक्रोश था। जिसको लेकर 2 सितंबर को आंदोलनकारी खटीमा गोली कांड के विरोध में शांतिपूर्वक तरीके से एक सितंबर को उधमसिंह नगर खटीमा में हुए गोलीकांड के विरोध में क्रमिक अनशन कर रहे थे। इस दौरान तत्कालीन सरकार के निर्देश पर पीएसी व पुलिस ने आंदोलनकारियों पर बिना पूर्व चेतावनी के अकारण ही गोलियां बरसानी शुरू कर दीं, जिसमें आंदोलनकारी बलबीर सिंह नेगी, धनपत सिंह, राय सिंह बंगारी, मदनमोहन ममगाईं, बेलमती चौहान और हंसा धनाई बलिदान हो गए। उन्होंने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने उत्तराखंड को अलग राज्य निर्माण में अहम भूमिका निभाई।
कार्यक्रम में भाजपा प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट, पूर्व विधायक जोत सिंह गुनसोला, मसूरी नगर पालिका के पूर्व अध्यक्ष मनमोहन सिंह मल्ल तथा राज्य आन्दोलनकारी उपस्थित थे।
हिन्दुस्थान समाचार / राजेश कुमार
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