भारतीय सेना की सम्मानित परंपराओं को प्रवासियों ने सराहा

भारतीय सेना की सम्मानित परंपराओं को प्रवासियों ने सराहा
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भारतीय सेना की सम्मानित परंपराओं को प्रवासियों ने सराहा


- नौ देशों के भारतीय मूल के 40 प्रवासी युवाओं ने आईएमए का किया दौरा

-वैश्विक राजदूतों की नई पीढ़ी को प्रेरित करने के लिए विदेश मंत्रालय की पहल

देहरादून, 20 फरवरी (हि.स.)। हर काम देश के नाम... प्रवासी भारतीयों और उनके देश के बीच संपर्क को मजबूत करने के लिए विदेश मंत्रालय ने अनूठा पहल की है। भारत को जानें कार्यक्रम (केआईपी) के तहत नौ देशों के भारतीय मूल के 40 प्रवासी युवाओं ने मंगलवार को भारतीय सैन्य एकेडमी (आईएमए) देहरादून का दौरा किया। सभी प्रवासी युवाओं को भारतीय सैन्य अकादमी में तैनात प्रशिक्षुओं और अधिकारियों के साथ जुड़ने का अवसर मिला।

प्रवासी युवाओं ने आईएमए संग्रहालय, युद्ध स्मारक और चैटवुड बिल्डिंग सहित अकादमी परिसर के भीतर प्रतिष्ठित स्थलों को देखा और सराहा। आईएमए भारतीय सेना की सम्मानित परंपराओं की झलक प्रस्तुत कर रहा था। भारतीय सैन्य अकादमी देहरादून के जनसंपर्क अधिकारी (रक्षा) लेफ्टिनेंट कर्नल मनीष श्रीवास्तव ने बताया कि भारत को जानें कार्यक्रम का उद्देश्य भारत के लिए वैश्विक राजदूतों की नई पीढ़ी को प्रेरित करना है।

भारत को जानें कार्यक्रम केआईपी भारतीय मूल के विदेशी युवाओं (18-26 वर्ष की आयु के बीच में) के लिए एक प्रतिभागिता कार्यक्रम है। इसका उद्देश्य उन्हें भारत से परिचित कराना तथा भारतीय जीवन, सांस्कृतिक विरासत, कला के विभिन्न पहलुओं और भारत में हो रहे परिवर्तनों के विषय में जानकारी प्रदान करना है।

हिन्दुस्थान समाचार/कमलेश्वर शरण/रामानुज

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