विजय दिवस के रूप में 1971 के युद्ध की मनाई 52वीं वर्षगांठ

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विजय दिवस के रूप में 1971 के युद्ध की मनाई 52वीं वर्षगांठ


विजय दिवस के रूप में 1971 के युद्ध की मनाई 52वीं वर्षगांठ


विजय दिवस के रूप में 1971 के युद्ध की मनाई 52वीं वर्षगांठ


विजय दिवस के रूप में 1971 के युद्ध की मनाई 52वीं वर्षगांठ


देहरादून, 16 दिसम्बर (हि.स.)। 1971 के युद्ध में पाकिस्तान पर भारतीय सशस्त्र बलों की ऐतिहासिक जीत दर्ज करने के लिए कर्तव्य के पथ में सर्वोच्च बलिदान देने वाले हमारे बहादुरों को श्रद्धांजलि देने के लिए हर साल विजय दिवस मनाया जाता है।

दिसंबर 1971 के 16वें दिन, तत्कालीन सीओएएस जनरल एसएफएचजे मानेकशॉ के गतिशील नेतृत्व में भारतीय सशस्त्र बलों ने पाकिस्तानी सेना को करारी शिकस्त दी और बांग्लादेश के नए देश के गठन के लिए पूर्वी पाकिस्तान की मुक्ति का मार्ग प्रशस्त किया। राष्ट्र अपने सैनिकों के दृढ़ संकल्प और अद्वितीय साहस को सम्मानित करता है जिन्होंने 1971 के युद्ध में इस अभूतपूर्व जीत को हासिल करने के लिए अपने जीवन का बलिदान दिया। मुख्यालय उत्तराखंड सब एरिया ने शनिवार को विजय दिवस की 52वीं वर्षगांठ मनाई और इस महत्वपूर्ण अवसर का उत्सव मनाने के लिए शौर्य स्थल पर पुष्पांजलि समारोह का आयोजन किया।

लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (सेवानिवृत्त), उत्तराखंड के राज्यपाल, मेजर जनरल आर प्रेम राज, जनरल ऑफिसर कमांडिंग, उत्तराखंड सब एरिया, रियर एडमिरल एलएस पठानिया, भारतीय नौसेना और वरिष्ठ पूर्व सैनिकों ने शहीद सैनिकों को श्रद्धांजलि दी। समारोह में देहरादून स्टेशन के सेवारत अधिकारी, जेसीओ और अन्य रैंक के अधिकारी भी उपस्थित थे, जिन्होंने देश के सम्मान के लिए वीर सैनिकों का अनुकरण करने का संकल्प लिया।

हिन्दुस्थान समाचार/ साकेती/रामानुज

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