सांसद महेंद्र भट्ट ने सदन में की आशाओं की पैरवी, न्यूनत वेतन की परिधि में लाने की मांग 

WhatsApp Channel Join Now
सांसद महेंद्र भट्ट ने सदन में की आशाओं की पैरवी, न्यूनत वेतन की परिधि में लाने की मांग 


देहरादून, 03 फरवरी (हि. स.)। राज्यसभा सांसद व भाजपा प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट ने संसद में आशा कार्यकर्ताओं के वेतन बढ़ोत्तरी का मुद्दा उठाया है। बजट सत्र के दौरान लोकसभा में शून्यकाल चर्चा में राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन के संचालन से जुड़े इस महत्वपूर्ण विषय की ओर सदन का ध्यान आकृष्ट किया। उन्होंने केंद्र सरकार से आशाओं को न्यूनतम वेतन अधिनियम की परिधि में लाने की मांग की।

उन्होंने कहा, एनएचएम द्वारा ग्रामीण एवं शहरी आबादी के स्वास्थ तथा सामाजिक निर्धारकों के बारे में जो जागरूकता अभियान चलाया जाता है, उसमें बच्चा जच्चा को स्वास्थ्य सुविधाएं प्रदान करने समेत अनेकों प्रक्रियाओं में आशा कार्यकर्ता महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं । अपने संबोधन में उन्होंने कहा, जब से इस मिशन को प्रारंभ किया गया तब से जहां ग्रामीणों को स्वास्थ्य सम्बन्धी जानकारी इनके माध्यम से प्राप्त हो रही है। वहीं इन्हीं आशा कार्यकर्ताओं द्वारा कोरोना काल से आज तक लगातार स्वास्थ्य जागरुकता का कार्य किया जा रहा है।

उन्होंने चिंता जताते हुए कहा, इनके महत्वपूर्ण कार्यों को देखते हुए आज भी इन्हें न्यूनतम वेतनमान से वंचित रखा गया है। इन्हें मात्र 4500 रुपए मासिक प्रोत्साहन राशि ही दी जाती है, जो इनके कार्य को देखते हुए काफी कम है। अनेकों राज्य सरकारों ने इन्हें वार्षिक प्रोत्साहन राशि दी जा रही है, उसमें भी केवल उत्तराखंड ऐसा राज्य है जहां इन्हें 5000 रुपए वार्षिक प्रोत्साहन दिया जा रहा है।

उन्होंने सदन के माध्यम से सरकार से मांग की कि स्वास्थ्य क्षेत्र में इनके योगदान को सम्मान दिया जाए। इन्हें न्यूनतम वेतन अधिनियम की परधी में सम्मिलित किया जाए, जिसमें राज्य सरकार का अंश भी सम्मिलित हो।

हिन्दुस्थान समाचार / राम प्रताप मिश्र

Share this story