प्रसिद्ध पर्यावरण विद कल्याण सिंह को मिला केदार सिंह रावत पर्यावरण पुरस्कार
गोपेश्वर, 11 मार्च (हि.स.)। चमोली जिला मुख्यालय गोपेश्वर में गढ़वाल विश्वविद्यालय श्रीनगर के वानिकी विभाग की ओर से अलकनंदा वन प्रभाग के सभागार में सोमवार को विकेंद्रीकृत वन प्रबंधन के लिए वन पंचायतों का प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किया गया। कार्यक्रम में प्रसिद्ध पर्यावरण विद कल्याण सिंह सहित पर्यावरण संरक्षण के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य करने वाले शिक्षक संकल्प अभियान के मनोज तिवाड़ी, समलोंण आंदोलन के वीरेंद्र दत्त गोदियाल और त्रिफला वन सृजक सतेंद्र भंडारी को केदार सिंह रावत पर्यावरण पुरस्कार से सम्मानित किया गया।
प्रशिक्षण कार्यशाला को संबोधित करते हुए गढ़वाल विश्वविद्यालय में वानिकी के विभागाध्यक्ष प्रो. आरसी सुंदरियाल ने कहा कि वन सरपंचों का कौशल और क्षमता विकास करने से तथा वन उत्पादों को बढ़ावा देकर उन्हें आजीविका से जोड़कर ही वनों का प्रबंधन सही ढंग से हो सकता है। वन पंचायत परामार्शदात्री समिति के अध्यक्ष कैलाश खंडूरी ने कहा कि हमारे वन सरपंच ही धरातल पर वनों के रक्षक हैं। वन विभाग को उनकी समस्याओं और मांगो का समय पर निराकरण करना चाहिए।
सीपी भट्ट पर्यावरण एवं विकास केंद्र के प्रबंध न्यासी ओम प्रकाश भट्ट ने कार्यक्रम में जानकारी देते हुए बताया कि न्यास की ओर से प्रति वर्ष केदार घाटी में चिपको आंदोलन के नायक रहे केदार सिंह रावत की स्मृति में प्रदान किया जाता है। इसके लिए न्यास की ओर से पुरस्कार चयन समिति का गठन किया गया है। अभी तक वर्ष 2014 से पर्यावरण के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य करने वाले नौ विशिष्ट व्यक्तियों को यह सम्मान प्रदान किया जा चुका है।
हिन्दुस्थान समाचार/जगदीश/वीरेन्द्र
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