कांवड़ यात्रा के दौरान हरिद्वार की निगरानी करेगा 'नभ नेत्र' ड्रोन
-कांवड़ यात्रा के दौरान एडीआरएफ और एनडीआरएफ रहेंगी तैनात
देहरादून, 21 जून (हि.स.)। 11 जुलाई से प्रारंभ हो रही कांवड़ यात्रा को लेकर उत्तराखंड राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (यूएसडीएमए) ने सुरक्षा और निगरानी के व्यापक इंतजाम किए हैं। इस वर्ष यात्रा के दौरान हरिद्वार में ‘नभ नेत्र’ ड्रोन की तैनाती की जाएगी, जो भीड़भाड़ वाले स्थलों, घाटों, सड़कों और पुलों की लगातार निगरानी करेगा। ड्रोन से प्राप्त विजुअल्स राज्य और जिला आपातकालीन परिचालन केंद्रों से निरंतर मॉनिटर किए जाएंगे।
शनिवार को यूएसडीएमए स्थित कंट्रोल रूम में उत्तराखंड राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के अपर मुख्य कार्यकारी अधिकारी प्रशासन आनंद स्वरूप की अध्यक्षता में कांवड़ यात्रा को लेकर बैठक हुई।
उन्होंने बताया कि आईआरएस की अधिसूचना जारी कर दी गई है। कांवड़ यात्रा के दौरान संभावित आपदाओं एवं आकस्मिकताओं का प्रभावी तरीके से सामना करने में आईआरएस उपयोगी साबित हो सकता है। उन्होंने कांवड़ यात्रा से संबंधित जनपदों के अधिकारियों से आईआरएस प्रणाली को अपनाने तथा इसके तहत ही यात्रा को लेकर आपदा प्रबंधन के दृष्टिकोण से योजना का निर्माण करने को कहा।
श्री स्वरूप ने कहा कि कांवड़ यात्रा के सुगम एवं सफल संचालन के लिए विभिन्न विभागों के मध्य आपसी समन्वय बहुत जरूरी है। उन्होंने सभी विभागों में सिंगल प्वाइंट आफ कांटेक्ट हेतु एक जिम्मेदार अधिकारी को नामित करने तथा उनकी सूची एसईओसी और डीईओसी के साथ साझा करने के निर्देश दिए।
बता दें कि कांवड़ यात्रा के लिए जिला आपातकालीन परिचालन केंद्र को मास्टर कंट्रोल रूम बनाया जाएगा और यहीं से यात्रा की संपूर्ण निगरानी की जाएगी।
बैठक में अपर मुख्य कार्यकारी अधिकारी क्रियान्वयन डीआईजी राजकुमार नेगी, ड्यूटी आफिसर संयुक्त सचिव विक्रम सिंह राणा, संयुक्त मुख्य कार्यकारी अधिकारी मो. ओबैदुल्लाह अंसारी आदि मौजूद थे।
मॉक ड्रिल में कांवड़ पर रहेगा फोकस-
30 जून को यूएसडीएमए द्वारा बाढ़ को लेकर आयोजित की जा रही राज्य स्तरीय मॉक ड्रिल के दौरान हरिद्वार में सुरक्षित कांवड़ यात्रा तथा गंगा घाटों में सुरक्षा के इंतजामों को परखने के लिए विशेष रूप से मॉक ड्रिल की जाएगी। अपर मुख्य कार्यकारी अधिकारी प्रशासन आनंद स्वरूप ने खासतौर पर इसके निर्देश दिए।
कांवड़ियों के मोबाइल में सचेत एप डाउनलोड कराया जाएगा-
कांवड़ यात्रा पर आने वाले कांवड़ियों के मोबाइल फोन में सचेत एप डाउन लोड कराया जाएगा। उत्तराखंड राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के अपर मुख्य कार्यकारी अधिकारी क्रियान्वयन डीआईजी राजकुमार नेगी ने कहा कि सचेत एप कांवड़ियों को मानसून अवधि में मौसम संबंधी सूचनाएं व अलर्ट प्रदान करने में बड़ी भूमिका निभा सकता है। उन्होंने एंट्री प्वाइंट्स में सचेत एप डाउन लोड करने संबंधी होर्डिंग और्वबार कोड लगाए जाने के निर्देश दिए। टोल फ्री नंबर 112, 1070, 1077 के बारे में भी कांवड़ियों को अवगत कराया जाएगा ताकि वे किसी आपात स्थिति में इन नंबरों में फोन कर मदद मांग सकें।
गंगा घाटों में एसडीआरएफ, एनडीआरएफ की भी तैनाती-
गंगा घाटों में कांवड़ियों की सुरक्षा के लिए भी विशेष प्रबंध किए जा रहे हैं। बैठक के दौरान सुरक्षा बलों के अधिकारियों ने बताया कि एसडीआरएफ, एनडीआरफ, जल पुलिस के अलावा 60 आपदा मित्र भी गंगा घाटों में तैनात रहेंगे। कांगड़ा घाट में सुरक्षा के खास इंतजाम किए जाएंगे। एनडीआरएफ की एक टीम कांवड़ यात्रा के दौरान हरिद्वार में तैनात रहेगी और आवश्यकता पड़ने पर देहरादून से अतिरिक्त टीमों को रवाना किया जाएगा।
कांवड़ यात्रा के दौरान संभावित आकस्मिकताएं-
एससीईओ प्रशासन आनंद स्वरूप ने कांवड़ यात्रा के दौरान आपदा प्रबंधन के दृष्टिकोण से संभावित आकस्मिकताओं जैसे, भगदड़, नदी में डूबना, भंडारा स्थल, अस्थायी कैंपों में अग्निकांड, बारिश, बाढ़ और जलभराव, संक्रामक बीमारियों का प्रसार, जाम की समस्या, दुर्घटनाएं आदि को नियंत्रित करने हेतु तैयारी रखने तथा किसी भी आकस्मिकता की स्थिति में तुरंत राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र से संपर्क स्थापित करने के निर्देश दिए।
वन्य जीवों से सुरक्षा के भी होंगे विशेष इंतजाम-
कांवड़ यात्रियों की वन्य जीवों से सुरक्षा के लिए भी विशेष इंतजाम करने के निर्देश दिए गए। वन विभाग को ऐसे संवेदनशील क्षेत्रों को चिन्हित करने व वहां सुरक्षा के समुचित प्रबंध करने के हेतु निर्देशित किया गया। साथ ही अधिक ऊंचाई वाली कांवड़ को बिजली की तारों से खतरा न हो, इसके लिए भी समुचित प्रबंध करने के निर्देश विद्युत विभाग को दिए गए।
----------
हिन्दुस्थान समाचार / राजेश कुमार

