डीजीपी बोले-आधुनिक और तकनीकी रूप से दक्ष होना आवश्यक, पुलिस की छवि को नए स्तर पर ले जाएंगे मुख्य आरक्षी

डीजीपी बोले-आधुनिक और तकनीकी रूप से दक्ष होना आवश्यक, पुलिस की छवि को नए स्तर पर ले जाएंगे मुख्य आरक्षी
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डीजीपी बोले-आधुनिक और तकनीकी रूप से दक्ष होना आवश्यक, पुलिस की छवि को नए स्तर पर ले जाएंगे मुख्य आरक्षी


- 231 प्रशिक्षु मुख्य आरक्षी पुलिस दूरसंचार का आधारभूत प्रशिक्षण संपन्न

- दीक्षांत समारोह में प्रियंका चमोली, मनीषा और हिमानी जोशी सम्मानित

देहरादून, 28 मई (हि.स.)। पुलिस महानिदेशक उत्तराखंड अभिनव कुमार ने कहा कि तकनीकी युग में पुलिस को आधुनिक एवं तकनीकी रूप से दक्ष होना आवश्यक है। हम तेजी से मार्डनाइजेशन की ओर बढ़ रहे हैं और पुलिस को स्मार्ट बनाने की दिशा में प्रदत्त गाइडलाइन के तहत कार्य कर रहे हैं। इस आधारभूत प्रशिक्षण के बाद नवनियुक्त मुख्य आरक्षी पुलिस दूरसंचार पुलिस विभाग में उन तकनीकों से रूबरू होंगे और पुलिस विभाग की छवि को नए स्तर पर ले जाएंगे।

पुलिस लाइन में 162 पुरुष और 69 महिला कुल 231 प्रशिक्षु मुख्य आरक्षी पुलिस दूरसंचार के नौ माह के आधारभूत प्रशिक्षण के उपरांत मंगलवार को दीक्षांत परेड आयोजित हुई। मुख्य अतिथि पुलिस महानिदेशक उत्तराखंड अभिनव कुमार ने दीक्षांत परेड का मान-प्रणाम ग्रहण कर निरीक्षण किया। उन्होंने प्रशिक्षण में सर्वांग सर्वोत्तम और अंत: कक्ष में प्रथम स्थान आने पर प्रियंका चमोली एवं बाह्य कक्ष में प्रथम आने पर मनीषा और हिमानी जोशी को सम्मानित किया।

पुलिस महानिदेशक ने कहा कि दीक्षांत परेड में प्रदेश के हर जनपद से प्रशिक्षु आए हैं। एक जुलाई से तीन नए आपराधिक कानून लागू होंगे। ऐसे में जितनी तेजी से टेक्नोलाजी बदल रही है और खासतौर पर एआई का युग आ रहा है तो इन तकनीकों को पुलिस विभाग की कार्यप्रणाली में शामिल करने में दूरसंचार की महत्वपूर्ण भूमिका रहेगी। वर्तमान में प्रचलित चारधाम यात्रा में भी पूरे मनोयोग से योगदान देंगे।

21 अगस्त 2023 से प्रारंभ हुआ था प्रशिक्षण-

मुख्य आरक्षी पुलिस दूरसंचार का नौ माह का प्रशिक्षण 21 अगस्त 2023 से आरटीसी पुलिस लाइन देहरादून में प्रारंभ हुआ था, जो 27 मई 2024 को संपन्न हुआ। प्रशिक्षण में अंत: कक्ष और बाह्य कक्ष में नियुक्त प्रशिक्षकों ने प्रशिक्षण दिया। नौ माह के प्रशिक्षण में मुख्य आरक्षी पुलिस दूरसंचार को रेडियो परिचालन से संबंधित विभिन्न आंतरिक विषयों का गहन अध्ययन कराया। इसके अलावा तकनीकी युग में पुलिस को आधुनिक एवं तकनीकी रूप से दक्ष करने के लिए अद्यतन तकनीकों, ड्रोन, सर्विलांस, साइबर अपराध, डिजिटल फारेंसिक इत्यादि का भी प्रशिक्षण दिया। साथ ही एसडीआरएफ ने बेसिक आपदा प्रबंधन कोर्स, अग्निशमन एवं दंगा प्रबंधन से संबंधित प्रशिक्षण दिया। मुख्य अतिथि पुलिस महानिदेशक ने पास आउट होने वाले सभी मुख्य आरक्षियों को बधाई देते हुए कहा कि आने वाले 30 वर्षों से भी अधिक की जो आपकी सेवा होगी उसमें पुलिस ही नहीं बल्कि एक अच्छे राज्य के निर्माण में भी आप सक्रिय भूमिका निभाएंगे।

आरक्षी और मुख्य आरक्षी का बढ़ा शिक्षा का स्तर-

पुलिस महानिदेशक ने कहा कि आज जो मुख्य आरक्षी पासआउट हुए हैं। इसमें 50 इंटरमीडिएट, 133 ग्रेजुएट, 48 पोस्ट ग्रेजुएट हैं, जो दर्शाता है कि पुलिस विभाग में आरक्षी एवं मुख्य आरक्षी का शिक्षा का स्तर भी बढ़ा है। इससे निश्चित रूप से बेहतर सेवा देने में सफल होंगे। समाज व विभाग को इसका लाभ मिलेगा।

राज्य स्थापना दिवस पर रैतिक परेड में सम्मिलित होगा मुख्य आरक्षी पुलिस दूरसंचार का दस्ता-

दीक्षांत परेड में उच्च कोटि के प्रदर्शन के बाद आगामी नौ नवंबर को राज्य स्थापना दिवस पर होने वाली रैतिक परेड में भी इन नवनियुक्त मुख्य आरक्षी पुलिस दूरसंचार के एक दस्ते को सम्मिलित किया जाएगा। दीक्षांत समारोह पर पुलिस उप महानिरीक्षक पुलिस दूरसंचार ने प्रशिक्षण संबंधी आख्या प्रस्तुत की। पुलिस महानिरीक्षक पुलिस दूरसंचार उत्तराखंड कृष्ण कुमार वीके ने मुख्य अतिथि का धन्यवाद ज्ञापित किया।

इस दौरान अपर पुलिस महानिदेशक प्रशासन/पुलिस दूरसंचार अमित सिन्हा, अपर पुलिस महानिदेशक सीबीसीआईडी वी. मुरुगेशन, अपर पुलिस महानिदेशक अपराध एवं कानून व्यवस्था एपी अंशुमान समेत समस्त पुलिस महानिरीक्षक, पुलिस उप महानिरीक्षक आदि थे।

हिन्दुस्थान समाचार/कमलेश्वर शरण/रामानुज

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