गैरसैंण के विकास में औषधीय और संगध पादप संस्थान मील का पत्थर साबित होगा : जोशी

-दस हेक्टेयर भूमि पर छह करोड़ की लागत से विकसित होगा संस्थान
गोपेश्वर, 14 मार्च (हि.स.)। प्रदेश के कृषि और कृषक कल्याण मंत्री ने मंगलवार को औषधीय और संगध पादप संस्थान, मेहलचौरी (शाखा उत्तराखण्ड औद्यानिकी एवं वानिकी विश्वविद्यालय,भरसार) का स्थलीय निरीक्षण किया। उन्होंने कहा कि गैरसैंण के विकास में यह संस्थान मील का पत्थर साबित होगा।
निरीक्षण के दौरान कृषि और कृषक कल्याण मंत्री गणेश जोशी ने बताया कि संस्थान के पास शासन से स्वीकृत 9.4 हेक्टेयर भूमि पर सौ से अधिक प्रजाति के औषधीय और औद्यानिकी फसलों कर कार्य किया जा रहा है। वर्तमान में औषधीय और संगत पादप संस्थान में चार सौ पौधे सेब, कीवी, आडू, प्लम,चेरी, नाशपाती के फलदार वृक्ष लगाये गये हैं। उन्होंने कहा कि औषधीय और संगध पादप संस्थान, मेहलचौरी जो वानिकी और औद्योगिकी विश्वविद्यालय का एक कैम्पस है। शीघ्र ही यहां पर कार्यालय भवन, कक्षों और सभागार का निर्माण किया जाएगा। यह संस्थान 10 हेक्टेयर की भूमि में बनेगा, जिसके लिए छह करोड़ की राशि स्वीकृति की गई है।
कृषि मंत्री जोशी ने बताया कि शीघ्र ही इसकी धनराशि कार्यदायी संस्था को आवंटित की जाएगी। उन्होंने इसके लिए स्थानीय लोगों का भी आभार व्यक्त किया, जिन्होंने पांच सौ नाली भूमि संस्थान को दी है। उन्होंने भरोसा जताते हुए कहा कि अप्रैल माह तक निर्माण कार्य शुरू किया जाएगा और संस्थान में बीएससी एग्रीकल्चर और एमएससी एग्रीकल्चर का पठन पाठन किया जाएगा। साथ ही प्रशिक्षण भी दिया जाएगा, जिसमें स्थानीय लोगों को भी शामिल किया जाएगा।
उन्होंने बताया कि अभी तक जो पौध हिमाचल से आ रही है। उसे अब सभी पौध यहां पर तैयार किया जा रहा है। इसमें मुख्य रूप से कीवी, सेब की रूट स्टॉक, सीडलिंग जैसे कई प्रजातियां शामिल हैं। उन्होंने कहा कि निश्चित ही इस संस्थान के बनने के बाद यहां के स्थानीय लोगो के लिए रोजगार के अवसर प्राप्त होंगे तो दूसरी तरफ गैरसैंण के विकास में यह मील का पत्थर साबित होगा।
इस अवसर पर कर्णप्रयाग विधायक अनिल नौटियाल, संस्थान प्रभारी डॉ. मधुलिका पांडेय, जिला पंचायत सदस्य बलबीर रावत, महावीर सिंह नेगी, जगमोहन कठैत, सांसद प्रतिनिधि पूर्व प्रमुख सुगति बिष्ट, जिला पंचायत सदस्य विनोद नेगी आदि मौजूद थे।
हिन्दुस्थान समाचार/जगदीश/रामानुज
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